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भारत की बहादुर बेटी नीरजा भनोट की आत्मकथा रिलीज

सभी यात्रियों और क्रू के सदस्यों को 17 घंटे तक बंधक बनाने के बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। नीरजा चाहती तो भाग सकती थीं पर उसने विमान में रुक कर यात्रियों की भागने में मदद की।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 16 Feb 2016 07:47 AM (IST)
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नई दिल्ली। विमान अपहरण के दौरान आतंकियों से कई यात्रियों की जान बचाने वाली नीरजा भनोट की आत्मकथा आज दिल्ली में रिलीज की जाएगी। इस दौरान नीरज के भाई अखिल और अनीश भनोट, शबाना आज़मी, सोनम कपूर, अतुल कासबेकर और राम माधवानी भी मौजूद रहेंगे। इस बाबत सुबह 11 बजे प्रेस क्लब कार्यक्रम आयोजित है।

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यहां पर याद दिला दें कि नीरजा भनोट के जीवन पर आधारित फिल्म 19 फरवरी को रिलीज हो रही है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर ने नीरजा का किरदार निभाया है।

5 सितंबर, 1986 को पैनएम की फ्लाइट को आतंकियों द्वारा अगवा किए यात्रियों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी थी। हवाई अड्डे के सुरक्षा गार्ड के कपडे पहने हुए चार आतंकवादियों अंधाधुंध फायरिंग करते हुए विमान पर कब्ज़ा कर लिया था। नीरजा भनोट उस विमान की सीनियर परिचारिका थी और जिसने कई यात्रियों की भागने में मदद की।

अपने 23 वें जन्मदिन से महज़ 24 घंटे पहले तीन बच्चों को आतंकवादियों की गोलियों से बचाते हुए नीरजा की मौत हो गई थी। जब आतंकवादी विमान में चढ़े तो नीरजा ने कॉकपिट के क्रू को आगाह कर दिया और क्रू कॉकपिट से भाग निकला। इसके बाद विमान में वही सबसे सीनियर क्रू मेंबर थीं।

एक आतंकवादी ने क्रू से कहा की सभी यात्रियों के पासपोर्ट जमा कर के उसके हवाले कर दिए जाए। जब नीरजा को ये समझ आ गया कि आतंकवादियों का मुख्य निशाना अमरीकी नागरिक हैं तो उसने उनके पासपोर्ट छुपा दिए और कुछ पासपोर्ट कचरे फेंक दिए। इस हादसे में 41 ४१ अमेरिकी यात्रियों में से सिर्फ 2 मारे गये थे।

सभी यात्रियों और क्रू के सदस्यों को 17 घंटे तक बंधक बनाने के बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। नीरजा चाहती तो भाग सकती थीं पर उसने विमान में रुक कर यात्रियों की भागने में मदद की।

तीन बच्चों को आतंवादियों की गोली से बचाते हुए नीरजा की मौत हो गई। नीरजा ने उसने आतंवादियों का सामना अद्वितीय हिम्मत और क्षमता के साथ किया। 380 यात्रियों और 73 क्रू के सदस्यों में से 20 लोग मारे गये थे।

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