एनजीटी ने यूपी सरकार से कहा- हिंडन डूब क्षेत्र में कचरा डालना बंद कराओ
एनजीटी में दायर याचिका में एक शख्स ने हरनंदी के नजदीक निगम के ठोस कचरे के अंधाधुंध निस्तारण की शिकायत की थी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। एनजीटी ने प्रदेश सरकार को हिंडन के डूब क्षेत्र में शहरी कचरे के निस्तारण पर तत्काल रोक लगाने को कहा है। राज्य सरकार से हरनंदी नदी के दोनों ओर जमा कचरे को तत्काल हटाने तथा संपूर्ण क्षेत्र का मूल स्वरूप बहाल करने का भी निर्देश दिया है।
एनजीटी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा है कि सरकार नदी के तट पर बिखरे समस्त ईंट-रोड़े अथवा अन्य किसी भी प्रकार के कचरे को हटाना सुनिश्चित करेगी तथा बिना और विलंब किए भविष्य में कचरा न डाला जाए इसके पुख्ता इंतजाम करेगी।’
एनजीटी ने कहा- ‘हम यह निर्देश भी देते हैं कि यह आदेश यमुना नदी के पुनरुद्धार से संबंधित मनोज मिश्र बनाम भारत सरकार वाले मामले में पास किए जाने वाले आदेशों के अनुरूप कार्य करेगा, क्योंकि हिंडन नदी का प्रवाह यमुना में ही गिरता है।’
एनजीटी ने यह आदेश गाजियाबाद निवासी कृशन पाल की याचिका पर दिया। याचिका में पाल ने हरनंदी के नजदीक निगम के ठोस कचरे के अंधाधुंध निस्तारण की शिकायत की थी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि एनजीटी के आदेश तथा संबंधित अधिकारियों के शपथपत्र के बावजूद न केवल पूरे गाजियाबाद में म्यूनिसिपल कचरे को हरनंदी के दोनो ओर फेंका जा रहा है, बल्कि विभिन्न पार्को में कूड़े को लगातार जलाया भी जा रहा है।
इससे पहले एनजीटी ने कहा था कि शहरों के ठोस कचरे को सही तरीके से एकत्र करने, अलग-अलग करने और उचित स्थान पर उसका निस्तारण करना राज्य का दायित्व है।
उसने गाजियाबाद नगर निगम से जगह-जगह कूड़ेदान रखने का निर्देश भी दिया था ताकि लोग उसे कूड़ेदान में डालें और फिर इस कूड़े को सही जगह पर निस्तारित किया जा सके।