एनजीटी ने फिर लगाई फटकार, वायु प्रदूषण पर उदासीन हैं सरकारें
दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल वाहनों पर रोक मामले में सरकार की उदासीनता पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारी नाराजगी जाहिर की है। शुक्रवार को एनजीटी ने भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय एवं दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इम मामले
नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल व डीजल वाहनों पर रोक मामले में सरकार की उदासीनता पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारी नाराजगी जाहिर की है। शुक्रवार को एनजीटी ने भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय एवं दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इम मामले में कतई गंभीर नहीं है। एनजीटी ने कहा किसी भी सरकारी एजेंसी ने अभी तक अदालत के इस ओदश के तामील में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए एनजीटी ने एक बार िफर अपना गुस्सा जाहिर किया। एनजीटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश व हरियाणा के एक सरकारी बयान में यह कहा गया है कि अदालत का यह फरमान गुड़गांव एवं नाेएडा पर लागू नहीं होता है। एनजीटी इस बात से चकित है कि वायु प्रदूषण पर कोई सरकार गंभीर नहीं है।
गौरतलब है कि एनजीटी ने सात अप्रैल को यह ओदश जारी किया था कि दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाई जाए। हालांकि बाद में एनजीटी ने अपने फैसले पर रियायत देते हुए यह आदेश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अभी दो हफ्ते तक और डीजल के वाहन चल सकते हैं। एनजीटी ने इस मामले में एक मई तक दिल्ली सरकार से राय मांगी मांगी थी। लेकिन अभी तक किसी ने भी अपनी राय नहीं भेजी।
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