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ऑ़ड-ईवन फॉर्मूले पर दिल्ली वाले राजी! जल्द हो सकता है लागू

दिल्ली में 15 फरवरी से एक बार फिर सम (इवेन)-विषम (ऑड) फॉर्मूला लागू हो सकता है। 10 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 09 Feb 2016 11:40 AM (IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली में 15 फरवरी से एक बार फिर सम (इवेन)-विषम (ऑड) फॉर्मूला लागू हो सकता है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा है कि जनता ने 15 फरवरी से सम-विषम फॉर्मूला दोबारा लागू करने का सुझाव दिया है।

अधिकांश दिल्ली वालों इवेन-ऑड के पक्ष में, दोबारा लागू करने की दी राय

बताया जा रहा है कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। राजधानी में सम-विषम फॉर्मूला दोबारा लागू करने के लिए शनिवार और रविवार को दिल्ली के अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों ने जनसभा आयोजित कर लोगों से उनकी राय ली। अधिकांश जनसभाओं में जनता ने जल्द से जल्द फॉमरूले को लागू करने का सुझाव दिया है।

बता दें कि सम-विषम फॉर्मूला दोबारा लागू करने के लिए दिल्ली सरकार बड़े पैमाने पर लोगों से बातचीत कर रही है। माना जा रहा है कि इस बार दिल्ली सरकार फॉमरूले में कुछ बदलाव कर इसे सख्त बना सकती है। पिछली बार की अपेक्षा इस बार इसका दायरा बढ़ सकता है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का भी मानना है कि आधा-अधूरा नियम लागू करने से पर्यावरण में यादा सुधार नहीं होगा।
मालूम हो कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक से 15 जनवरी तक सम-विषम फॉर्मूला लागू किया था।

योजना के अनुसार सम तारीख पर सम नंबर (0,2,4,6,8) की और विषम तारीख को विषम नंबर (1,3,5,7,9) की कारों को चलने की इजाजत दी गई थी। इस नियम को तोड़ने वालों पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

जनप्रतिनिधियों ने ली जनता से राय

दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों के परिचालन के लिए सम(इवेन)-विषम (ऑड) नियम को फिर से स्थायी रूप से लाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से जनता से रायशुमारी लिया जा रहा है।

इसमें हर विधानसभा क्षेत्र में वहां के विधायक क्षेत्र के लोगों से 1 जनवरी से 15 जनवरी तक लागू किए गए फॉर्मूले पर उनकी राय के साथ ही भविष्य में स्थायी रूप से इसे लागू करने को लेकर जाय जानने का प्रयास किया जा रहा है।

इसमें विधायक जनता से उससे जुड़े प्रश्न कर रहे हैं और इस संबंध में उपस्थित लोगों से मत लिया जा रहा है। इस दौरान कुल उपस्थित लोगों की संख्या के आधार पर अलग-अलग प्रश्नों पर मिले लोगों के मत को उपस्थित लोगों की कुल संख्या के अनुसार ही मत के प्रतिशत का आकलन किया जा रहा है।

इसमें सम-विषम नियम फिर से लागू करने के साथ ही उस दौरान दी जाने वाली छूट, 15 दिनों के दौरान क्या समस्याएं आई, किसी नियम में बदलाव किया जाना चाहिए आदि प्रश्न किए गए। इन रायशुमारी के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ही आगे सम-विषम नियम के नियम निर्धारित कर उसे लागू किया जाएगा।

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