ऑड-ईवन में CBSE एग्जाम का अड़ंगा, 22 अप्रैल के बाद ही लागू होगा फॉर्मूला
दिल्ली में सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा खत्म होने के बाद ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा। दिल्ली में बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चलेंगी।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने की जल्दबाजी में नहीं दिख रही है। सूत्रों की माने तो दिल्ली में सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा खत्म होने के बाद ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा।
ऑ़ड-ईवन फॉर्मूले पर दिल्ली वाले राजी! जल्द हो सकता है लागू
सूत्रों की माने तो बोर्ड परीक्षा के दौरान फॉर्मूले के लागू होने से छात्र-छात्राओं के अलावा अभिभावकों को भी दिक्कत पेश आएगी। इस दौरान लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा करेंगे। दिल्ली में बोर्ड परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चलेंगी।
बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद निजी स्कूलों की बसें भी उपलब्ध होंगी। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि फॉर्मूला परीक्षा खत्म होने के बाद ही लागू किया जाएगा। यहां पर याद दिला दें कि पहले चरण में (1-15 जनवरी तक) ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होने के दौरान निजी स्कूलों से 1,000 बसों की मांग की गई है, लेकिन उन्होंने मात्र 300 बसें ही उपलब्ध कराईं थीं।
1 मार्च से 22 अप्रैल तक होगी बोर्ड परीक्षाएं
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं की तिथि पहले ही घोषित कर दी है। 1 मार्च से दसवीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू होंगी। दसवीं की अंतिम परीक्षा 28 मार्च को और 12वीं की अंतिम परीक्षा 22 अप्रैल को होगी।
बोर्ड ने हर विषय के अनुसार पूरा कार्यक्रम http://cbse.nic.in/पर अपलोड कर दिया है। 12वीं का पहला पेपर 1 मार्च को इंग्लिश का होगा। इसके बाद दूसरी परीक्षा 3 मार्च को बिजनेस स्टडीज की होगी।
वहीं, 10वीं का पहला पेपर 1 मार्च को सिक्योरिटी, टूरिज्म एवं ऑटो टेक जैसे वोकेशनल विषय का होगा। 2 मार्च को विज्ञान का पर्चा होगा। 3 मार्च को इंफॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी, 5 मार्च को पेंटिंग और स्पेनिश भाषा का पेपर होगा।
इसके अलावा 8 मार्च को हिन्दी व तमिल भाषा का और 10 मार्च को सोशल साइंस की परीक्षा होगी। अधिकतम चार दिनों की छुट्टी बिजनेस और पंजाबी के पेपर के बीच मिलेगी। बिजनेस का पेपर 22 मार्च को और पंजाबी भाषा का पेपर 26 मार्च को होगा।
दिल्ली की जनता मांगे ऑड-ईवन फॉर्मूला
प्रदूषण और जाम से मुक्ति के लिए ऑड-ईवन फॉर्मलू को जल्द लागू करने की मांग बढ़ती जा रही है। दिल्ली सरकार द्वारा मांगे गए सुझाव में 90 फीसद लोगों से इस योजना को कारगर बताते हुए स्थायी तौर पर लागू करने की मांग की है।
सरकार के पास अब तक 15 लाख से अधिक सुझाव आ चुके हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने भी विभिन्न क्षेत्र के लोगों से फॉर्म भरवाकर उनकी राय ली है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, ऑनलाइन 28304 लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। नौ हजार लोगों ने ईमेल किए हैं।
सरकार की ओर से 10 लाख लोगों को कॉल कर राय ली गई है और एक लाख 82 हजार आठ सौ आठ मिस कॉल आ चुके हैं। ये आंकड़े सोमवार के हैं।
इसके अलावा 6 और 7 फरवरी को आप के सभी विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में वार्ड सभाएं कर लोगों से इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए राय जानी थी।
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा ने बताया कि मंगलवार को परिवहन मंत्री गोपाल राय मिले सुझावों का आकलन करने के बाद कुल और फाइलन आकड़े जारी करेंगे। साथ ही भविष्य की योजना पर विचार रखेंगे।
दो दिन होगा मंथन
दिल्लीवासियों के सुझाव पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दो दिनों तक मंथन किया जाएगा। 9 और दस फरवरी को होने वाली बैठक में परिवहन विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी बुलाए जाने की संभावना है। दस फरवरी को मुख्यमंत्री सभी सुझावों के आधार पर अंतिम मोहर लगाएंगे।
सार्वजनिक परिवहन मजबूत करना चुनौती
दिल्ली सरकार इस बार पहले की तुलना में सख्त कानून लागू करने पर विचार कर रही है। इसमें लोगों को दी गई छूट में कटौती की जाने की संभावना है, लेकिन अंतिम फैसला सार्वजनिक परिवहन की मजबूती पर रहेगा। परिवहन विभाग की मानें तो दिल्ली में करीब 35-38 लाख बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं।
इनमें से 5-7 लाख बच्चे निजी वाहनों का प्रयोग करते हैं। इसमें कई बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें लाने-ले जाने के लिए निजी कारें (अन्य गाड़ी) आती हैं। सरकार ऐसे बच्चों को भी कार पुलिंग के दायरे में लाना चाहती हैं।
स्कूलों में लगी डीटीसी बसों को व्यवस्थित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार ने साफ किया है कि अब स्कूलों की बसों की मदद नहीं ली जाएगी। कार पुलिंग पर सरकार का पूरा ध्यान रहेगा और इसे बढ़ावा देने के लिए योजना तैयार की जा रही है।