पानी के मीटर के बहाने भाजपा ने फिर 'आप' को घेरा, भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
भाजपा ने एक बार फिर दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पार्टी ने पानी बिल मेंं छूट के गलत आंकड़े और मीटर को लेकर की गई गड़बड़ी की सीबीआइ जांच कराने की मांग की।
नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड मेंं टैंंकर घोटाले को लेकर दिल्ली सरकार पर हमला कर रही भाजपा ने अब पानी के मीटर को लेकर सरकार को कठघरे मे खड़ा किया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सोमवार को प्रेस वार्ता मेंं जल बोर्ड द्वारा स्वीकृत किए गए आइपी 68 मॉडल के मीटरोंं का विरोध करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उपाध्याय ने कहा कि ज्यादा पैसे खर्च करने के बावजूद उपभोक्ताओंं के घरोंं मेंं ज्यादा बिल आएंगे, क्योंंकि ये मीटर भी पुराने एएमआर मीटर की तरह हवा के दबाव से चलते है। विभिन्न कंपनियोंं के स्वीकृत मीटर के दाम मेंं भी भारी अंतर है। प्रेस वार्ता मेंं उन्होंंने उपराज्यपाल से दिल्ली जल बोर्ड मेंं टैकर घोटाला, पानी बिल मेंं छूट के गलत आंकड़े जारी करने और मीटर को लेकर की गई गड़बड़ी की सीबीआइ जांच कराने की मांग की।
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उपाध्याय ने कहा कि पुराना एएमआर मीटर सात से आठ सौ रुपये मे मिलता है, जबकि नए स्वीकृत मीटर का मूल्य 1300 से 2200 रुपये तक है। विभिन्न कंपनियोंं के स्वीकृत मीटर के दाम मेंं भी भारी अंतर है, जो गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा है। उन्होंंने कहा कि चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल कहते थे कि लोगोंं के घरोंं मेंं इसलिए पानी के बिल ज्यादा आते हैंं, क्योंंकि मीटर हवा के दबाव से चलते है। 'आप' के नेताओ ने इस संबंध मेंं पुलिस से भी शिकायत की थी, लेकिन सत्ता मेंं आने के बाद सब भूल गए।
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भाजपा नेता ने पानी के बिल मेंं 11 लाख उपभोक्ताओंं के छूट के सरकारी दावे को भ्रामक बताते हुए कहा कि हकीकत मेंं अधिकांश उपभोक्ताओंं से असल बिल से दोगुना वसूल किया गया है। छूट का लाभ भी लगभग पांच लाख उपभोक्ताओंं को ही मिला है। उपभोक्ताओंं को राहत देने के बजाय सरकार गरीबोंं को भी मीटर के दायरे मेंं लाने जा रही है।
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