Move to Jagran APP

दिल्ली में पूर्ण राज्य के लिए जनमत संग्रह पर अब कांग्रेस भी बोली 'NO'

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा जनमत संग्रह कराने के एलान का कांग्रेस ने विरोध किया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 12:46 PM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा जनमत संग्रह कराने के एलान का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस छाया समिति के सदस्य अमन पंवार ने कहा कि केजरीवाल जिस जनमत संग्रह की बात दिल्ली के लिए कर रहे है, उसकी अनुमति भारतीय संविधान नहीं देता।

कांग्रेस का कहना है कि असंवैधानिक तरीके से संसदीय सचिव बनाए गए 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ने तथा दिल्ली में बिजली-पानी के संकट से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री इस तरह का एलान कर रहे हैं, जबकि नियम के अनुसार जनमत संग्रह नहीं किया जा सकता है।

केजरीवाल के PM मोदी पर हमला करने से बढ़ जाता है AAP का चंदा

वह इस तरह का एलान सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए अरविंद केजरीवाल कभी प्रधानमंत्री तो कभी उपराज्यपाल व प्रशासनिक अधिकारियों को तो कभी कांग्रेस पार्टी को कोसने लगते हैं।

ऐसा कर वह मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं। मुखर्जी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के 13 मार्च, 2015 को दिए आदेश के अनुसार संसदीय सचिवों को कार्यालय के लिए जगह तथा सरकारी गाड़ी का प्रावधान रखा गया था।

अब इनकी सदस्यता खतरे में है तो केजरीवाल ने दिल्ली में जनमत संग्रह कराने का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जून में भी दिल्ली सरकार के एक मंत्री जितेंद्र तोमर फर्जी डिग्री के चलते जेल गए थे। विधायक सोमनाथ भारती पर उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे तो मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता का ध्यान बांटने के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए जनमत संग्रह की बात कही थी।

कांग्रेस छाया समिति के सदस्य अमन पंवार ने कहा कि केजरीवाल जिस जनमत संग्रह की बात दिल्ली के लिए कर रहे है, उसकी अनुमति भारतीय संविधान नहीं देता। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के 13 न्यायधीशों की खंडपीठ ने भारत में जनमत संग्रह को सिरे से नकार दिया था। इसी प्रकार 44वें संविधान संशोधन को भी संसद ने जनमत संग्रह को हटाकर पास किया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।