योगगुरु रामदेव को मिली राहत, जानें अदालत ने क्यों टाली सुनवाई
बाबा रामदेव की दलित महिलाओंं व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में अदालत ने फिर अगली तारीख लगा दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाबा रामदेव की दलित महिलाओंं व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जांच अधिकारी ने एसीपी की गैरमौजूदगी में अदालत ने फिर अगली तारीख लगा दी है। इससे पहले भी अदालत के समक्ष पेश न होने पर एसीपी से स्पष्टीकरण मांगा गया था, मगर एसीपी की ओर से जवाब आया कि उन्हें व्यक्तिगत पेशी संबंधी कोई नोटिस अब तक नहींं मिला। ऐसे में कड़कड़डूमा अदालत के महानगर दंडाधिकारी प्रंजल अनेजा ने अब एसीपी को 2 जुलाई तक पेश होकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में पुलिस बार-बार मामले को लखनऊ स्थानांतरित करने की मांग अदालत से कर रही है, वहींं शिकायतकर्ता पक्ष के अधिवक्ता सत्य प्रकाश गौतम का कहना है कि मामले का स्थानांतरण कहां होगा, यह तय करने का पुलिस को कोई अधिकार नहींं है। अधिवक्ता सत्य प्रकाश गौतम ने इससे पहले पुलिस पर एकतरफा जांच करने के आरोप भी लगाए थे।
VIDEO में देखें कैलाश खेर और बाबा रामदेव की योग जुगलबंदी
गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राहुल गांधी दलितोंं के यहां पिकनिक और हनीमून मनाने जाते है। इस बयान पर जब दलित समुदाय ने आपत्ति दर्ज की तो रामदेव ने खेद प्रकट कर मामले को खत्म करने का प्रयास किया। इसके बाद उनके खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सोंं में मुकदमे भी दर्ज किए गए। इसी कड़ी में यह मामला मधु विहार इलाके में भी दर्ज कराया गया।
अरावली की पहाड़ियों पर योगगुरु रामदेव की नजर, बना सकते हैं आचार्यकुलम
शिकायतकर्ता पक्ष का कहना है कि यह अपनी तरह की पहली एफआइआर थी, जिस पर सुनवाई कड़कड़डूमा अदालत में ही चलनी चाहिए। इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ताओ में एनबी गौतम, राकेश कुमार, तेज सिंह व आलोक शामिल हैं।