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ऑड-इवन की सफलता के लिए केजरीवाल ने मांगा लोगों का सहयोग

दिल्ली को प्रदूषण मुक्त शहरों की कतार में शामिल करने के लिए बनाया गया ऑड-इवेन फॉर्मूला आज सुबह आठ बजे से शुरू हो चुका है। नियम का उल्लंघन करने पर दो हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Fri, 15 Apr 2016 04:24 PM (IST)
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नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो] दिल्ली को प्रदूषण मुक्त शहरों की कतार में शामिल करने के लिए बनाया गया ऑड-इवेन फॉर्मूलेे का दूसरा चरण आज सुबह आठ बजे से शुरू हो चुका है। ऑड-इवेन फॉर्मूला सोमवार से शनिवार तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू रहेगा। रविवार को यह नियम लागू नहीं होगाा।

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से ऑड-इवन फॉर्मूले को सहयोग देने के साथ सफल बनाने की भी गुजारिश की है।

ऑड-इवन के दूसरे चरण की शुरुआत, देखें तस्वीरें

15 से 30 अप्रैल तक इस फॉर्मूले के अनुसार ही सड़कों पर निजी कारों का परिचालन होगा। इसके तहत ऑड दिन को ऑड नंबर और इवेन दिन को इवेन नंबर की गाडि़यां ही चलाई जा सकती हैं। नियम का उल्लंघन करने पर दो हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।

ऑड-इवन फॉर्मूलेे पर दिल्ली सरकार ने जारी किया प्रीप्रेशन प्लान

नहीं होगी परेशानीः गोपाल राय

दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने ऑड-इवेन फॉर्मूले को लेकर कहा कि लोग इसका अनुपालन करेंगे। इसके तहत निजी कारों को सड़क पर चलने संबंधित तैयारियां पूरी हो गई हैं। इसकी शुरुआत रामनवमी वाले दिन से हो रही है।

सार्वजनिक अवकाश का दिन होने से अधिक परेशानी नहीं होगी। इसके बाद शनिवार व रविवार को भी अवकाश रहेगा। इसलिए जो तैयारियां की गई हैं वह पर्याप्त है या नहीं असली परीक्षा सोमवार यानि 18 अप्रैल को होगी। गुरुवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में परिवहन मंत्री ने कहा कि जनवरी में जब पहली बार सरकार ने इस फॉर्मूले को लागू किया था, तो फैसला सरकार का था, जनता ने इसे सफल बनाने में साथ दिया। उसके बाद दिल्ली के लोगों ने प्रदूषण व ट्रैफिक की समस्या दूर करने के लिए दोबारा इसे लागू करने की मांग की। इसके लिए गत फरवरी में सर्वे कराया गया।

चार लाख लोगों ने दी अपनी राय

चार लाख लोगों में से 81 फीसद ने इसे दोबारा लागू करने के बारे में अपनी राय दी जिसके बाद सरकार इसे अब दोबारा लागू कर रही है। इस अभियान के शुरू होने के बाद सार्वजनिक वाहनों पर जो अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा उससे निपटने को लेकर उन्होंने दोहराया कि मेट्रो ट्रेनों की अतिरिक्त फेरे बढ़ाई गई हैं। डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) के बेड़े में शामिल 4600 बसों के अलावा पर्यावरण बस सेवा के तहत पंजीकृत छह सौ बसें 346 रूटों पर चलेंगी।

यह है ऑड-इवेन फॉर्मूला

एक दिन सड़कों पर सिर्फ वो ही कारें चलेंगी जिनके नंबर प्लेट का आखिरी अंक 0, 2, 4, 6 और 8 होगा वो इवेन नंबर वाली गाडि़यों की श्रेणी में आएंगी। जिन गाडि़यों के नंबर प्लेट का आखिरी अंक 1, 3, 5, 7 और 9 होगा वो सभी ऑड गाडि़यां होंगी।

119 जगह लगाए जाएंगे एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम

ऑड-ईवन स्कीम के दौरान एयर क्वालिटी की मॉनिटरिंग के लिए इस बार बड़ा प्लान बनाया गया है। 119 जगहों पर प्रदूषण का असर चेक किया जाएगा।

जनता के लिए 'बाइक टैक्सी' का विकल्प

ऑड-ईवन के दूसरे चरण में नई सर्विस ‘बाइक टैक्सी’ एक कारगर विकल्प साबित हो सकती है। बाइक टैक्सी को गोवा, बेंगलुरु, मुंबई और गुड़गांव में काफी लोकप्रियता मिल चुकी है। अब ये दिल्ली में भी उपलब्ध है। 5 रुपये प्रति किलोमीटर जैसी सस्ती सर्विस के कारण यह स्टूडेंट्स और ऑफिस जाने वालों के लिए काफी मददगार साबित होगी।

फॉर्मूले के मुताबिक पार्किग नहीं की तो भी देना होगा जुर्माना

ऑड-इवेन नियम तमाम पार्किग साइटों पर भी लागू होंगे। अगर ऑड तारीख वाले दिन इवेन नंबर की कार मेट्रो या अन्य पार्किग साइट पर खड़ी की तो जुर्माने के अलावा भी कीमत चुकानी पड़ेगी। इवेन तारीख वाले दिन वैध पार्किग साइट तथा घर के आसपास कोई मार्केट या व्यावसायिक परिसर है तो वहां इवेन नंबर की गाड़ियां ही खड़ी करने की सुविधा होगी। भूलवश या यूं ही आपने ऑड नंबर वाली कार खड़ी कर दी तो आपकी कार को क्रेन द्वारा उठाया जा सकता है। यह जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई है। जिसकी गाड़ी उठाई जाएगी उसी से उसका किराया भी लिया जाएगा। हालांकि जिन गाड़ियों को इस फॉर्मूले के तहत छूट मिली है उन्हें इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इन्हें मिलेगी छूट

बैटरी और अधिकृत एजेंसियों द्वारा लगाई गई सीएनजी किट से चलने वाली कारों पर यह नियम लागू नहीं होगा। साथ ही दो पहिया वाहन चालकों को भी शामिल नहीं किया गया है।

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश, केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के अलावा शेष अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के वाहनों को इस नियम से छूट मिलगी।

हालांकि अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री इस छूट का लाभ नहीं लेंगे।

’आपात स्थिति में काम आने वाले वाहनों और प्रवर्तन से जुड़े वाहनों को भी इस नियम के दायरे से बाहर रखा गया है। छूट हासिल करने वाले यह वाहन एंबुलेंस, दमकल विभाग, पुलिसिया वाहन, यातायात विभाग के वाहन होंगे।

इनके अलावा सीनजी से चलने वाले वाहन, अकेली महिला, बच्चे के साथ जाने वाली महिलाओं को भी छूट मिलेगी।

स्कूली बच्चों को निजी कार में स्कूल छोड़ने वाले अभिभावकों को सशर्त छूट दी गई है। यह छूट तभी मिलेगी अगर बच्चा स्कूल यूनिफॉर्म में कार में बैठा हो।

सुबह 8 से शाम 8 बजे तक 3500 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात

शुक्रवार से शुरू होने वाले ऑड-इवेन को लेकर दिल्ली यातायात पुलिस ने भी कमर कस ली है। लोग ऑड-इवेन के नियम को न तोड़े व यातायात व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित करने के उद्देश्य से सुबह 8 से शाम 8 बजे तक दिल्ली के विभिन्न इलाके में 3500 यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती करने का निर्णय लिया गया है।

इस दौरान आइटीओ, भैरो मार्ग, इंडिया गेट सर्किल, आश्रम, राष्ट्रीय राजमार्ग- 24, रिंग रोड, मथुरा रोड, एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले मार्ग समेत 52 प्वाइंट्स पर जहां पर दिन के समय जाम लगता है। इन रूटों पर यातायात पुलिस का ज्यादा फोकस रहेगा।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस बार 2500 ई-चालान मशीन को ऑड-इवेन प्रोग्राम में अतिरिक्त इस्तेमाल किया जाएगा। यातायात पुलिस का कहना है कि पिक आवर में जाम लगने पर वहां ऑड-इवेन को लेकर चालान करने की प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रद कर दिया जाएगा। चालान करने के दौरान बॉडी वार्म कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा। सीमा पर तैनात पुलिसकर्मियों की भी यातायात पुलिस मदद लेगी। इसके अलावा ऑड ईवन स्कीम को लागू कराने के लिए 2000 ट्रैफिक पुलिसकर्मी, 400 पूर्व सैनिक, 580 एनफोर्समेंट अधिकारी, और 5000 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर सड़कों पर मौजूद रहेंगे

जनवरी में ऑड ईवन से प्रदूषण के स्तर में 50 प्रतिशत कमी का किया था दावा

जनवरी में लागू की गई इस योजना के पहले चरण में प्रदूषण के स्तर में कमी देखने को मिली थी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी द्वारा जारी के रिपोर्ट के अनुसार चार प्रमुख जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर 100 से 200 के बीच में देखा गया, जबकि 18 जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर 59 से 301 के बीच देखा गया। सड़क पर वाहनों की संख्या कम होने के असर को देखने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की रिपोर्ट ने लाइट स्केटरिंग तकनीक के जरिए 18 प्रमुख जगहों पर प्रदूषण के स्तर को जांचा।

जिसके अनुसार वाहनों की संख्या कम होने के कारण प्रदूषण में 50 प्रतिशत कमी का दावा दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार चार प्रमुख जगहों पर पीएम 2.4 का स्तर 100 से 200 के बीच में देखा गया। जबकि 18 प्रमुख जगह पर 2.5 का न्यूनतम स्तर 59 और अधिकतम स्तर 301 देखा गया। एक जनवरी से दस जनवरी के बीच डीपीसीसी द्वारा दिल्ली एनसीआर की 50 प्रमुख जगह पर निलंबित कण 2.5 और 10 के सैंपल उठाए गए।

सरकार को सौंपी गई आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के अनुसार वाहनों की अधिक संख्या की वजह से बीते दस सालों में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक बढ़ा है। एक जनवरी से ऑड ईवन फॉर्मूला लागू होने का असर शहर की आबोहवा पर पड़ा और रिपोर्ट में प्रदूषण का स्तर 50 प्रतिशम कम देखा गया, जिसे सरकार की सफलता कहा जा सकता है।

वहीं पर्यावरण विशेषज्ञ और सीएमई की सीईओ अनुमिता रॉय चौधरी ने बताया एक जनवरी से दस जनवरी के बीच दिल्ली में सर्दी का स्तर भी कम रहा है। निश्चित रूप से तापमान कम होने पर निलंबित कणों का घनत्व बढ़ता है जो सेहत और पर्यावरण के लिए घातक होता है।

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