बेटी पर ही फिदा हुआ सौतेला पिता, बनाए अप्राकृतिक यौन संबंध
बेटी के साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा पाए पिता को राहत देने से इन्कार कर दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने मेंं 10 साल की सजा पाए पिता को राहत देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने कहा कि दोषी ने नाबालिग के अकेलेपन का लाभ उठाया है। उसने मासूमियत का शोषण किया है। ऐसे मेंं वह किसी भी प्रकार की सहानुभूति का हकदार नहींं है।
दोषी की और से पेश अधिवक्ता ने तर्क रखा था कि अभियोजन पक्ष के मामले मे विसगतियां है और उनका मुवक्किल पीड़िता का पिता नहीं है। उन्होंंने कहा कि उनके मुवक्किल को फर्जी मामले मेंं फंसाया गया है।
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अदालत ने याचिका रद करते हुए कहा कि वे यह साबित करने मे असफल रहे है कि पीड़िता या उसकी मां की उसके साथ दुश्मनी थी। पीड़िता नाबालिग लड़की है जो पिछले 10 वर्षों से सौतेले पिता के साथ रह रही थी। ऐसे मेंं इस बात की आशा नहींं की जा सकती कि वह बिना कारण इस प्रकार का गंभीर आरोप लगाएगी।
साल 2012 का है मामला
यह मामला वर्ष 2012 का है। पुलिस ने 13 वर्षीय पीड़िता की मां की शिकायत पर दोषी के खिलाफ दुष्कर्म व अन्य धाराओंं मेंं मामला दर्ज किया गया था। शिकायत मेंं आरोप लगाया था कि दोषी पिछले 2 वर्ष से उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बना रहा है।