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छात्रों के अजब सवाल, स्मृति से खत लिखवाऊं तो क्या डीयू में मिलेगा एडमिशन?

एक छात्र ने मेल पर पूछा है कि क्या केंद्रीय वित्त मंत्री की सिफारिश हो तो श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स में दाखिला मिल सकता है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2016 11:53 AM (IST)
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नई दिल्ली (अभिनव उपाध्याय)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में पढ़ना अधिकांश छात्रों का सपना होता है। शायद यही वजह है कि यहां पर ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने दाखिले के लिए आवेदन किया है। दिलचस्प यह है कि कई छात्र-छात्राएं किसी भी सूरत में डीयू में दाखिला चाहते हैं और इसके लिए वह केंद्रीय मंत्री की सिफारिश से लेकर बड़े नौकरशाह से अपने संबंधों की धौंस भी देते हैं।

डीयू के एडमिशन हेल्पलाइन नंबर पर छात्रों ने फोन कर और मेल भेजकर पूछा है कि यदि केंद्रीय शिक्षा मंत्री से पत्र लिखवा कर दें तो हिंदू कॉलेज में दाखिला हो जाएगा। एक अन्य छात्र ने मेल पर पूछा है कि क्या केंद्रीय वित्त मंत्री की सिफारिश हो तो श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स में दाखिला मिल सकता है।

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सूत्रों का कहना है कि एक नौकरशाह के बेटे ने डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी को विदेश में अंतरराष्ट्रीय फुटबाल खेलने का प्रमाणपत्र दिखाकर सीधे दाखिला देने की सिफारिश की, लेकिन बाद में उसने खुद स्वीकार किया कि वह राज्य स्तर पर भी कभी फुटबाल नहीं खेला है।

डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर में दाखिला से संबंधित छात्रों के सवालों का जवाब देने वाले वालंटियर्स का कहना है कि उन्हें अजीब-अजीब सवालों का जवाब देना पड़ता है। सात छात्र-छात्रओं की इस टीम की सदस्य नेहा ने बताया कि छात्र बस किसी भी तरह डीयू में दाखिला चाहते हैं।

कई बार वह ऐसे सवाल पूछते हैं जो बहुत ही हास्यास्पद होते हैं। एक अन्य वालंटियर श्वेता प्रज्ञा छाबड़ा ने कहा कि एक ही सवाल का जवाब कई बार देना पड़ता है। सवाल पूछने वाले छात्र यही चाहते हैं कि कोई उपाय बता दिया जाए जिससे उन्हें डीयू में दाखिला मिल जाए।

एक अन्य वालंटियर सागर ने कहा कि प्रतिदिन आवेदन के समय 500 से 600 मेल आते थे, जिसका जवाब हम देते थे। इस टीम की एक अन्य सदस्य श्वेता मुद्गल का कहना है कि कई छात्र फोन पर पूछते हैं कि डीयू में दाखिला के लिए कोई बैकडोर एंट्री है तो बताएं।

वह किसी तरह से डीयू में दाखिला चाहते हैं। डीयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना का कहना है कि दाखिला के लिए कई लोगों की सिफारिश आती है, लेकिन डीयू में दाखिला सिर्फ कटऑफ के आधार पर ही होता है।

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