एक ही मंच पर दुनिया भर की संस्कृतियों का होगा संगम
आर्ट ऑफ लिविंग की स्थापना के 35 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में मयूर विहार फेज वन में आयोजित हो रहे विश्व संस्कृति महोत्सव-2016 की तैयारियां जोरों पर है। लगभग एक हजार एकड़ में आयोजित हो रहे इस भव्य महोत्सव में कई नए विश्व कीर्तिमान भी बनने वाले हैं।
नई दिल्ली। आर्ट ऑफ लिविंग की स्थापना के 35 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में मयूर विहार फेज वन में आयोजित हो रहे विश्व संस्कृति महोत्सव-2016 की तैयारियां जोरों पर है। लगभग एक हजार एकड़ में आयोजित हो रहे इस भव्य महोत्सव में कई नए विश्व कीर्तिमान भी बनने वाले हैं।
11 से 13 मार्च तक रोजाना शाम पांच बजे से होने वाले महोत्सव के आयोजन के लिए सात एकड़ में दुनिया का सबसे बड़ा मंच बनाया जा रहा है। इसे लगभग एक हजार मजदूर मिलकर बना रहे हैं। इस पर देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही दुनिया भर के देशों से आने वाले कलाकार प्रदर्शन करेंगे। यानी एक ही मंच पर देश-दुनिया की संस्कृति का संगम देखने को मिलेगा।
कार्यक्रम में आम लोगों को नि:शुल्क प्रवेश मिलेगा। कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। इसके अलावा चार देशों के राष्ट्राध्यक्ष, दो देश के उपराष्ट्रपति और कई प्रदेशों के राज्यपाल, मंत्री व राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे।
भारत समेत दुनिया भर के 155 देशों से कुल 35 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। इसमें 20 हजार से अधिक विदेशी होंगे। इन तीन दिनों के दौरान मंच पर भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों के साथ ही दुनिया भर से आए कुल 35 हजार 973 कलाकार शामिल हो रहे हैं। इसमें प्राचीन भारतीय योग कला, स्थानीय नृत्य व संगीत के साथ ही आधुनिक नृत्य और संगीत भी प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें पद्म पुरस्कार से सम्मानित तीन भरतनाट्यम कलाकार, साउथ अफ्रीका से एक साथ 40 प्रकार के वाद्ययंत्र बजाने वाले 8 कलाकार, 650 ड्रमर शामिल हो रहे हैं जिनके ड्रम और म्यूजिकल इंस्टूूमेंट्स अक्टूबर 2015 को ही जहाज से मुंबई भेज दिए गए थे।
ग्रैंड सिंफनी होगा मुख्य आकर्षण
महोत्सव के दौरान ग्रैंड आर्ट ऑफ लिविंग सिंफनी का प्रदर्शन प्रमुख आकर्षण होगा। इसके बेहतर प्रदर्शन के लिए कई माह से 8 हजार से अधिक कलाकार अभ्यास में जुटे हैं। इसके लिए हर राज्य से एक कोरियोग्राफर लगाया गया है जिनका नेतृत्व पंडित बिरजू महाराज कर रहे हैं। इसका फाइनल रिहर्सल दो मार्च को अहमदाबाद में हुआ जिसमें दो हजार प्रतिभागी शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के काठी नृत्य का रिहर्सल रायपुर में किया जा चुका है।