हाई कोर्ट का निर्देश न मामने पर रद्द हो सकती है कन्हैया की जमानत
देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अगर हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया, तो उनकी अंतरिम जमानत रद हो सकती है।
नई दिल्ली [अमित कसाना]। देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अगर हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया, तो उनकी अंतरिम जमानत रद हो सकती है। हाई कोर्ट ने कन्हैया को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह पुलिस को जांच में सहयोग करें। किसी भी प्रकार से देशविरोधी गतिविधियो में लिप्त न हों। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष होने के नाते यह भी सुनिश्चित करें कि जेएनयू परिसर में किसी भी प्रकार की देशविरोधी गतिविधि न हों।
कन्हैया ने कहा- 'अफजल गुरु को कानून ने सजा दी है, वह मेरा आदर्श नहीं '
कानून के जानकारों की मानें तो जेएनयू परिसर में प्रधानमंत्री के खिलाफ बयानबाजी कन्हैया के खिलाफ आधार बन सकती है। बशर्ते पुलिस अंतरिम जमानत रद करने के लिए अदालत में याचिका दायर करे।
कन्हैया मामले में पुलिस के विशेष अभियोजक शैलेंद्र बब्बर का कहना है कि देशविरोधी गतिविधि की तरफ कन्हैया का एक भी कदम अदालत के निर्देशों का उल्लंघन होगा और उसकी अंतरिम जमानत निरस्त करने का आधार। हम कन्हैया के हर बयान व गतिविधि की गहराई से समीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद कानून के मुताबिक उचित कदम उठाया जाएगा।
कैसे शुरू हुआ JNU में फसाद का सलिसिला - जरूर पढ़ें, पूरी रिपोर्ट
वरिष्ठ अधिवक्ता रिपुदमन भारद्वाज का कहना है कि पुलिस के पास कन्हैया की अंतरिम जमानत रद करने के लिए याचिका दायर करने का अधिकार है। जेल से छूटने के बाद उसके बयान व गतिविधियों के आधार पर उसकी जमानत रद करने के लिए पुलिस याचिका दायर कर सकती है।