कन्हैया ने कहा- 'अफजल गुरु को कानून ने सजा दी है, वह मेरा आदर्श नहीं '
JNU के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री से हमारा मतभेद हो सकता है, मनभेद नहीं। उन्होंने कहा कि जेएनयू में पढ़ने वाला छात्र कभी देशद्रोही नहीं हो सकता। अपनी बात को अागे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी आप कहने का पूरा हक है। यह
नई दिल्ली । JNU के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री से हमारा मतभेद हो सकता है, मनभेद नहीं। उन्होंने कहा कि जेएनयू में पढ़ने वाला छात्र कभी देशद्रोही नहीं हो सकता। अपनी बात को अागे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी आप कहने का पूरा हक है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कही।
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उन्होंने कहा अफजल गुरु को कानून ने सजा दी है। वह कतई मेरा आदर्श नहीं है। हां, रोहित बेमूला मेरा आदर्श है। उन्होंने उमर और अनिर्बान का पक्ष लेते हुए कहा कि उनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलना चाहिए। यह अन्याय होगा।
कन्हैया ने कहा देश के ऊपर कुछ काले बादल हैं, यह समय के साथ जरूर छंटेंगे। उन्होंने कहा कि मैं नेता नहीं हूं, एक छात्र हूं। मेरा लक्ष्य राजनीति करना नहीं है। मैं भविष्य में एक शिक्षक बनना चाहता हूं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जेएनयू एक प्रतिष्ठित विश्वविद्ालय है। यहां पढ़ने वाला छात्र कभी भी देशद्रोही नहीं हाे सकता। यह बात हमलोगों को समझना होगा। यहां से निकले लोग देश के नीति निर्धारक रहे हैं। 250 राजनयिकों ने जेएनयू से ही शिक्षा ग्रहण की है।
जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि हमारा मोदी से मतभेद जरूर है, यह एक स्वाभाविक क्रिया है। लेकिन उनसे मनभेद नहीं है। हमें देश में आजादी चाहिए। उन्होंने कहा कि देशद्रोह और राजद्रोह में फर्क है। इस समझना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपने हक के लिए आवाज उठाने का पूरा हक है। यह देशद्रोह कैसे हो सकता है। यह एक साजिश है। कुछ लोगों की साजिश है।