खुशखबरी: अब डेंगू के डंक से बचाएगी नई दवा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) ने डेंंगू के मच्छरोंं की रोकथाम के लिए नई दवा के इस्तेमाल का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। डेंंगू वैसे तो पूरे देश मेंं पैर पसार चुका है, लेकिन मॉनसून सीजन मेंं दिल्ली-एनसीआर मेंं यह बीमारी कहर ढाती है। यही वजह है कि डेंंगू की रोकथाम के लिए नए विकल्प तलाशे जा रहे हैंं। इसी क्रम मेंं केंंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) ने डेंंगू के मच्छरोंं की रोकथाम के लिए पुरानी दवा टेमीफोस की जगह पायरीप्रोक्सिन नाम की नई दवा के इस्तेमाल का निर्देश दिया है। यह पुरानी दवा से अधिक प्रभावशाली है।
इस दवा की अहमियत से अवगत होने के बावजूद इसके इस्तेमाल पर नगर निगम सुस्ती बरत रहा है। राजधानी मेंं डेंंगू के मच्छरोंं की उत्पत्ति रोकने की जिम्मेदारी तीनोंं नगर निगमोंं पर ही है। नगर निगम इस साल भी टेमीफोस जैसी कम प्रभावशाली दवा का ही इस्तेमाल कर रहे हैंं। उत्तरी दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम मेंं इस दवा का इस्तेमाल शुरू करने की अभी कोई योजना नहींं है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्र मेंं इसके इस्तेमाल की योजना बनाई गई है।
पूर्वी दिल्ली मेंं 20 फीसद तक नई दवा का होगा इस्तेमाल
नगर निगम के अधिकारियोंं का कहना है कि एनवीबीडीसीपी ने निर्देश दिया है कि कूलर आदि मेंं मच्छरोंं की रोकथाम के लिए नई दवा का इस्तेमाल किया जाए। हालांकि, निगम की स्थायी समिति ने पूर्वी दिल्ली इलाके मेंं टेमीफोस दवा की जितनी जरूरत होती है, उसका 20 फीसद ही नई दवा इस्तेमाल करने की स्वीकृति दी है जिसे निगम सदन से स्वीकृति मिलना बाकी है। निगम सदन से स्वीकृति मिलने के बाद स्थायी समिति की स्वीकृति के अनुसार नई दवा खरीदी जाएगी। शेष 80 फीसद टेमीफोस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा।
ज्ञात हो कूलर आदि मेंं मच्छरोंं की उत्पपति रोकने के लिए टेमीफोस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा एक सप्ताह तक ही प्रभावी रहती है। इसके बाद दोबारा दवा डालने की जरूरत पड़ती है। यदि ऐसा न हो तो मच्छरो की उत्पत्ति शुरू हो जाती है। निगम के अधिकारियोंं के अनुसार, कूलर आदि मेंं नई दवा के इस्तेमाल से तीन सप्ताह (21 दिन) तक मच्छरोंं की उत्पत्ति नहींं हो सकती। इस लिहाज से नई दवा मच्छरोंं की रोकथाम मेंं ज्यादा कारगर है।
एनडीएमसी इलाके मेंं देखे जा चुके हैंं परिणाम
प्रयोग के तौर पर पिछले साल नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली छावनी परिषद ने अपने इलाकोंं मेंं इस नई दवा का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2015 के डेंंगू के आंकड़े बताते है कि नगर निगम की तुलना मेंं एनडीएमसी व छावनी इलाके डेंंगू का प्रकोप बहुत कम रहा था। हालांकि, एनडीएमसी का इलाका बहुत छोटा है, फिर भी आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैंं कि जब पूरी दिल्ली डेंंगू के डंक से कराह रही थी, तब भी एनडीएमसी इलाके मेंं डेंंगू के कम मामले सामने आए थे।
पिछले साल डेंंगू के मामले
दिल्ली 12,897
उत्तरी दिल्ली नगर निगम 5,255
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 4,442
पूर्वी दिल्ली नगर निगम 3155
एनडीएमसी 226
दिल्ली कैट 38
अन्य राज्य 2,637
कुल 15,531
आंकड़े : 14 नवंबर 2015 तक