अरावली की पहाड़ियों पर योगगुरु रामदेव की नजर, बना सकते हैं आचार्यकुलम
फरीदाबाद में अरावली की पहाड़ियों पर स्थित गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की करीब 100 एकड़ जगह खाली है, अब इसी जमीन पर योगगुरू बाबा रामदेव की नजर है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। योगगुरु बाबा रामदेव प्राचीन एवं आधुनिक सिक्षा को महत्व देते रहे हैं और देश भर में आचार्यकुलम खोलने की योजना को सार्वजनिक भी कर चुके हैं। अब योगगुरू रामदेव की नजर अरावली की पहाड़ियों पर भी है।
फरीदाबाद में अरावली की पहाड़ियों पर स्थित गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की करीब 100 एकड़ जगह खाली है, अब इसी जमीन पर योगगुरू बाबा रामदेव की नजर है। रामदेव चाहते हैं कि गुरुकुल इंद्रप्रस्थ में वो विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटी बनाएं। अपनी इस योजना के बारे में रामदेव आर्य प्रतिनिधिसभा के समक्ष अपनी इच्छा मौखिक रूप में जाहिर भी कर चुके हैं।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने यहां गुजारा था वक्त
आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा द्वारा संचालित गुरुकुल इंद्रप्रस्थ की स्थापना 19 जून 1916 को स्वामी श्रद्धानंद ने की थी। अंग्रेजों से छुपकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी 8 दिन यहां रहकर आजादी की रणनीति तैयार की थी। गुरुकुल प्रबंधन ने गर्भगृह में स्थित नेताजी की कोठरी सहित कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को संजोकर शहीद स्मृति संग्रहालय बनाया हुआ है।
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बाबा रामदेव की तरफ से नहीं मिला लिखित प्रस्ताव
गुरुकुल इंद्रप्रस्थ प्रबंधन कमेटी के महासचिव पीके मित्तल एडवोकेट का मानना है कि दिल्ली के नजदीक विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान बनाया जाता है तो यह गौरव का विषय होगा। उन्होंने बताया कि 18 जून को गुरुकुल इंद्रप्रस्थ प्रबंधन की बैठक होगी। फिलहाल अब तक बाबा रामदेव की तरफ से कोई लिखित प्रस्ताव गुरुकुल प्रबंधन को नहीं मिला है।
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