अच्छे दिन की आस
बजट आम जनता के अच्छे दिन लौटाने के वायदे पर लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतकर आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपना पहला बजट पेश कर दिया है। 45 दिन पुरानी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 का बजट भले ही केवल आठ महीनों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया हो, लेकिन अर्थव्यवस्था के
बजट
आम जनता के अच्छे दिन लौटाने के वायदे पर लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतकर आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपना पहला बजट पेश कर दिया है। 45 दिन पुरानी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 का बजट भले ही केवल आठ महीनों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया हो, लेकिन अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए इसे मील का पत्थर माना जा रहा है।
बाधा
इस बजट की सबसे बड़ी उपलब्धि तो यह रही है कि इसने देश में छाए नैराश्य को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है। इस बजट में जहां समाज के हर तबके के लिए कुछ न कुछ राहत दी गई है वहीं, महंगाई पर लगाम, आधारभूत ढांचे में सुधार से आर्थिक विकास की सुस्ती को खत्म करके रोजगार सृजन का संकल्प भी दिखता है। अपार संभावनाओं वाली भारतीय अर्थव्यवस्था कभी कुलांचे भरती थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार की अदूरदर्शी कदमों और नीतिगत पंगुता के चलते यह बेड़ियों में बंध सी गई थी। तमाम परियोजनाएं पर्यावरणीय क्लीयरेंस के चलते ठप पड़ गई थी। बेरोजगारी की स्थिति बढ़ने लगी थी। महंगाई बड़ी समस्या बनती जा रही थी। कुल मिलाकर आर्थिक विकास ठप सा पड़ गया था।
बाट
ऐसे माहौल और अर्थव्यवस्था के तमाम स्याह पक्षों के बीच नई सरकार द्वारा पेश किया गया यह बजट अर्थव्यवस्था की बेड़ियां काटने वाला माना जा रहा है। इसके तमाम प्रावधान सुस्त आर्थिक विकास को फिर से पटरी पर लाने का माद्दा रखते हैं। बस जरूरत उनको सही तरीके और समय पर लागू करने की है। ऐसे में लोकलुभावन बजट पेश करने की जगह वित्त मंत्री द्वारा पेश ठोस नीतियों और कारगर उपायों वाले वर्तमान बजट की पड़ताल हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है।
जनमत
क्या संसद में अरुण जेटली द्वारा पेश किया गया बजट देश में आर्थिक सुधारों की नई शुरुआत है?
हां 97 फीसद
नहीं 3 फीसद
क्या मोदी सरकार का दृष्टिकोण देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला साबित होगा?
हां 94 फीसद
नहीं 6 फीसद
आपकी आवाज
संसद में पेश किया गया बजट उम्मीदों भरा है, लेकिन देखना होगा कि सरकार अपने कहे पर कितना खरी उतरती है। इसके पहले भी कई खाके बने हैं कागज पर लेकिन साकार रूप कम ही ले पाते हैं। -अर्चना2456@जीमेल.कॉम
जेटली का बजट आर्थिक पहलू पर भारत को मजबूती देगा। इसमें सभी वर्गो का खास ख्याल रखा गया है। -अमितशर्मा4556@जीमेल.कॉम
मोदी सरकार का दृष्टिकोण देश को मजबूत करने वाला तभी होगा जब इस पर कथनी के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। ऊपरी तौर देखा जाए तो बजट सभी के हित में है। -राहुल355चौधरी@जीमेल.कॉम
कांग्रेस द्वारा देश की गई दुर्दशा के बाद इस बजट से उम्मीद तो है, मोदी सरकार अच्छे दिन लाकर ही रहेगी। -कामत.शाह 486@जीमेल.कॉम
सैकड़ों से भरा हुआ बजट, कई क्षेत्रों पर बेहद कमजोर भी है। मूर्ति बनाने पर होने वाला खर्च पूरी तरह से व्यर्थ है। -नरेंद्र147जॉली@जीमेल.कॉम
अरुण जेटली एक अच्छे वित्तमंत्री साबित होंगे, बजट ने इस बात के संकेत दे दिए हैं। -करिश्मा.शर्मा35@जीमेल.कॉम
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