जिद्दी और अड़ियल रवैया
जंग युद्ध किसी समस्या का हल नहीं होता लेकिन इसके अंतिम विकल्प बनने की बात को खारिज भी नहीं किया जा सकता है। कई बार किसी एक पक्ष का जिद्दी और अड़ियल रवैया इस विनाशकारी कृत्य को अपरिहार्य बना देता है। सत्य और अहिंसा में विश्वास करने वाले हमारे देश के पौराणिक संदर्भ ऐसे वाकयों से भरे हैं। पांच गांव न देने की कौरवों की जि
जंग
युद्ध किसी समस्या का हल नहीं होता लेकिन इसके अंतिम विकल्प बनने की बात को खारिज भी नहीं किया जा सकता है। कई बार किसी एक पक्ष का जिद्दी और अड़ियल रवैया इस विनाशकारी कृत्य को अपरिहार्य बना देता है। सत्य और अहिंसा में विश्वास करने वाले हमारे देश के पौराणिक संदर्भ ऐसे वाकयों से भरे हैं। पांच गांव न देने की कौरवों की जिद ने महाभारत की पटकथा लिख दी थी।
जिद
वर्तमान में ऐसे ही एक विनाशकारी जंग की पटकथा लिखने को पड़ोसी देश पाकिस्तान आतुर दिख रहा है। संबंधों की बेहतरी के लिए बढ़ाए गए हमारे प्रस्तावों को ठुकराकर वह सीमा पर गोलाबारी करने में लगा है। ऐसा करके भले ही वह अपने निजी स्वार्थो को सिद्ध करने का मंसूबा रखता हो, लेकिन हमारे जवाबी हमले ने उसके हौसले पस्त कर दिए हैं। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम का यह पहला वाकया हो, लेकिन इस बार लगातार गोलाबारी में कई लोग हताहत हुए। हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा। लिहाजा भारत को भी मुंहतोड़ जवाब देना लाजिमी हो गया।
जीत
पूर्व के संघर्ष विराम उल्लंघनों के लिए पाकिस्तान को कमजोर भारतीय राजनीतिक इच्छाशक्ति की ढाल मिल जाया करती थी। इस बार ऐसा नहीं है। भारत ने अपनी रणनीति में प्रभावी बदलाव किया है, तभी तो हमारे प्रधानमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री और गृह मंत्री पाकिस्तान को करारा जवाब देने की बात डंके की चोट पर कह रहे हैं। हमारे सुरक्षा बल पाकिस्तान को उसकी उदंडता का सबक सिखा रहे हैं। बेकसूरों की जानें सीमापार भी जा रही हैं, लेकिन शायद पड़ोसी को इसकी परवाह नहीं। ऐसे में संवादहीनता की स्थिति में पड़ोसी से पार पाने वाले कदमों की पड़ताल बड़ा मुद्दा है।
जनमत
क्या सीमा पर हो रही गोलाबारी के बीच पाकिस्तान से संवाद के रिश्ते जायज हैं?
हां 10 फीसद
नहीं 90 फीसद
क्या आप इससे सहमत हैं कि सीमा पर भारतीय सुरक्षा बल पाक गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं?
हां 83 फीसद
नहीं 17 फीसद
आपकी आवाज
पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का नतीजा है कि वो बौखला गया है। संवाद के इतने मौके देने के बाद भी उसमें कोई सुधार नहीं। उससे उम्मीद करना बेकार है।-स्मिता श्री
हमें अपनी सेना पर पूरा विश्वास है कि वह दुश्मनों को अपने आखिरी सांस तक डटकर सामना करेगी और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगी। -सुमन
पाकिस्तान सिर्फ गोलियों की भाषा समझता है। -रुपेश100862@जीमेल.काम
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