नीति

खुशहाल, अमन और तरक्की पसंद पड़ोस हर देश की जरूरत रहा हैं। इतिहास गवाह है कि जिनके पड़ोसी में ये सारी खूबियां रहीं हैं उन्होंने न केवल समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं बल्कि सौहा‌र्द्र और भाई-चारे की मिसाल कायम कर अपना नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित कराया है। हम सब जानते हैं कि पड़ोसी मनमाफिक चुना नहीं जा सकता लिहाजा उसे अपने अनुरूप बनाने और उसकी पसंद की तरह बनने की हरसंभव कोशिश करनी होती है। इन्हीं गुणों वाले पड़ोसी को पाने की खातिर हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाने को लेकर बहुत कुछ दांव पर लगाते रहे हैं। क्योंकि हमारा मानना है कि अच्छाई की जीत तो होगी ही।

नीयत

हमारे यहां का निजाम बदल चुका है। जनता ने भारी जनादेश से भारतीय जनता पार्टी जैसी राष्ट्रवादी पार्टी को विजयश्री दिलाई। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस देशों के प्रमुखों को आमंत्रित करके एक नई पहल की। इसके पीछे हमारी नीयत साफ थी और मंशा एकदम स्पष्ट। सबकी नजरें पाकिस्तान पर टिकी थीं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने न केवल मोदी की मेहमाननवाजी कुबूल की बल्कि समारोह में पूरे उत्साह के साथ शिरकत की।

नियामत

कहते हैं कि अगर किसी चीज को आप शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उस मुहिम में आपकी मदद में जुट जाती है। संबंधों की बेहतरी के लिए मोदी की इस पहल से बड़ी अपेक्षा के पर्याप्त कारण हैं। नवाज शरीफ ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भारत से संबंधों को बेहतर बनाने को जगह दी थी। लिहाजा बदली हुकूमत के बीच दोनों देशों के रिश्तों के अच्छे दिन आने के मायनों की पड़ताल आज हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है।

जनमत

क्या भारत-पाक रिश्तों में बेहतरी के लिए मोदी की पहल के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे?

हां 83 फीसद

नहीं 17 फीसद

क्या भारत के साथ रिश्तों को लेकर पाकिस्तान की नीयत साफ है?

हां 13 फीसद

नहीं 87 फीसद

आपकी आवाज

जब तक पाकिस्तान अपने देश में पल रहे आतंकवादी संगठनों का नाश नहीं कर देता तब तक उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि बातचीत पहले भी हुई है और उसका नतीजा क्या हुआ, सभी जानते हैं। -शरद.नौगन1@जीमेल.कॉम

पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंधों में शीर्ष नेतृत्व अपना अहम योगदान देता है। अत मोदी की पहल निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम लाने में सक्षम है। -शुभमगुप्ता100@जीमेल.कॉम

पाकिस्तान रंगा सियार है। एक तरफ तो पाक के सताधारी भारत के साथ रिश्तों को मधुर करने की बात करते है, लेकिन दूसरी तरफ पाक भारत के अभिन्न अंग कश्मीर मे आतंकवाद फैलाने से बाज नही आता। -राजेशकुमार@जीमेल.कॉम

भारत-पाकिस्तान रिश्तों को देखते हुए, यह एक बेहतरीन पहल है। देखना तो यह है कि पाकिस्तान कब तक अपनी शराफत पर कायम रहता है। -निशिशर्मा146@जीमेल.कॉम