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लोकसभा चुनाव की आखिरी जंग में वाराणसी है सबसे दिलचस्‍प सीट, यहां मोदी के लिए जुटे हजारों NRI

मोदी की लोकसभा सीट पर प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल से 22 पदाधिकारी अधिकृत तौर पर बनारस में मौजूद हैं जबकि बिना बुलाए वहां से आने वालों की संख्या 300 से अधिक है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 17 May 2019 10:06 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव की आखिरी जंग में वाराणसी है सबसे दिलचस्‍प सीट, यहां मोदी के लिए जुटे हजारों NRI
नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में इन दिनों देश के विभिन्न राज्यों के लोगों की जुटान है। मानो काशी देश की राजनीतिक राजधानी भी बन बैठी है। कोई विदेश से छुट्टी लेकर आया है, तो कोई पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा से पहुंचा है। हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका सीधे तौर पर पार्टी या पार्टी कार्यालय से कोई लेना-देना और संपर्क नहीं है, लेकिन वे सिर्फ मोदी के लिए बनारस पहुंचे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें बखूब पता है कि मुकाबला एकतरफा है, लेकिन वे मोदी के सम्मान और समर्थन में यहां पहुंचे हैं। वे चाहते हैं कि मोदी इस बार रिकॉर्ड वोट हासिल करें। वाराणसी से राकेश पांडेय की रिपोट...

बांग्लभाषी बहुल मुहल्ला पांडेय हवेली। यहां एक गेस्ट हाउस में पश्चिम बंगाल से आए रमन शर्मा, अभिजीत चंद्रा, प्रदीप मंडल, बुद्धदेव बाध्यकर, बबलू बाउरी और मानव चंद्रा बैठकर मोदी के प्रचार की रणनीति में जुटे मिले। इनकी कुल 18 लोगों की मंडली छह मई से बनारस में कैंप किए हुए है। ये सिर्फ मोदी के प्रचार के लिए स्वप्रेरित होकर बनारस तक आए हैं। रमन बताते हैं कि बंगाल में पंचायत चुनाव के पहले हर किसी को सरकार के खिलाफ बोलने की मनाही थी। उसके बाद जब भाजपा का प्रभुत्व बढ़ने लगा तो सिर्फ और सिर्फ भाजपा वालों को मारापीटा जा रहा है। ममता के राज में लोकतंत्र वहां खत्म हो चुका है, हम दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे कहते हैं, राष्ट्रद्रोही शक्तियों ने हमारे राज्य को कब्जे में ले लिया है। यही वजह है कि हम दोबारा मोदी सरकार चाहते हैं, मोदी के लिए बनारस तक आए हैं...।

बातचीत के बाद यह टोली पतालेश्वर मोहल्ले की तरफ जनसंपर्क के लिए निकल पड़ती है। ये लोग काशी में बसे बांग्लाभाषियों से लगातार संपर्क कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल से 22 पदाधिकारी अधिकृत तौर पर बनारस में मौजूद हैं जबकि बिना बुलाए वहां से आने वालों की संख्या 300 से अधिक है।

बनारस में अलग-अलग टोलियों में सर्वाधिक संख्या में दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों से मोदी समर्थक पहुंचे हुए हैं। अनुमानत: करीब 1400 लोग चुनाव के दौरान यहां प्रचार के लिए आए, इनमें से काफी संख्या में अब भी हैं और कुछ लौट भी चुके हैं। इनमें भी आंध्र प्रदेश के लोगों की संख्या अधिक है। खुद चिकमंलूर से एमएलए टी. रवि जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं। महाराष्ट्र से राज्यमंत्री संजय उपाध्याय 50 लोगों की टीम के साथ काशी में जमे हैं। गुजरात से बड़ी संख्या में  लोगों की आवाजाही मोदी के लिए बनारस में होती रही है। इन दिनों यहां प्रचार में जुटी 50 सदस्यीय एक टोली की अगुवाई भीवन टोपीवाला कर रहे हैं। इसके अलावा विधायक संगीताबेन पाटिल, सूरत महानगर पालिका से अमित सिंह राजपूत आदि भी गुजराती समाज के लोगों के बीच प्रचार में जुटे दिखे। अन्य प्रांतों से काशी में मोदी के लिए स्वप्रेरणा से आए लोगों में राजस्थान के इंद्रदान रतनू की टोली भी प्रचार के बाद महमूरगंज के एक राजस्थानी रेस्टोरेंट में खाना खाते नजर आई।

पसीना बहा रही नियोजन टीम 
विभिन्न प्रांतों से आ रहे पार्टी पदाधिकारियों (बड़े नेताओं को छोड़कर) को प्रचार के निमित्त नियोजित करने के लिए संभवत: वाराणसी ही ऐसी सीट है, जहां अलग से नियोजन टीम बनाई गई है। यह टीम कई दिनों से माथापच्ची कर बाहर से आने वाले लोगों के लिए प्रबंधन का काम संभाल रही है। दिन के अलग अलग समय से के लिए प्रचार मोहल्लों का आवंटन कर समन्वय करती है। एक पदाधिकारी ने बताया कि इस नियोजन टीम में 344 लोग पंजीकृत हो चुके हैं।

कसर नहीं छोड़ रहे प्रियंका, मायावती और अखिलेश
वाराणसी में बुधवार को ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने रोड शो कर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के लिए प्रचार किया। पार्टी की तरफ से प्रियंका के रोड शो के लिए उसी रूट को चुना गया था जिस पर मोदी ने 25 अप्रैल को रोड शो किया था। तैयारी भी उसी तरह से की गई थीं। लेकिन काशीवासियों का वो साथ कांग्रेस को नहीं मिल पाया जो मोदी को मिला था। गुरुवार को महागठबंधन ने रैली कर (सपा) प्रत्याशी शालिनी यादव के लिए प्रचार किया। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रैली को संबोधित किया। माया ने जहां श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए हुई तोड़फोड़ पर मोदी को घेरते हुए महिलाओं के सम्मान तक को लेकर सवाल उठाया, वहीं अखिलेश ने मोदी और योगी सरकार की नीतियों पर हमला किया। अतीक अहमद निर्दलीय प्रत्याशी हैं। कुल 26 प्रत्याशी मैदान में हैं।

समर्थन और सम्मान में पहुंचे एनआरआई
मोदी के लिए प्रचार करने वालों में देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों के प्रवासी भारतीयों का भी आगमन हुआ है। इनमें नार्वे के हॉस्टन शहर से पीवी पटेल, कैलिफोर्निया से लता अहिर और क्योटो से आए महेश माधव ओगरे जैसे लोग भी शामिल हैं। इनका मानना है कि मोदी का जीतना तो तय है ही, यहां तो ये केवल उनके सम्मान में आए हैं। कहते हैं, जब पिछले पांच वर्षों में मोदी के चलते दुनिया में भारत की साख बढ़ी है, भारतीयों का मान बढ़ा है तो चुनाव के वक्त क्या हम दस-पंद्रह दिन अपने प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान और समर्थन दर्शाने केलिए नहीं निकाल सकते हैं।

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