यहां दरक गया लालू-नीतीश गठबंधन, MCD चुनाव में खिंचेगी तलवार
राजद-जदयू के बीच की दरार बढ़ती जा रही है। दोनों दलों के बड़े नेता सार्वजनिक रूप से इस बात को मानने से इनकार करते आ रहे हैं पर दलों के बीच की बढ़ती दूरियां सबकी नज़रों में आ रहीं है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बिहार के महागठबंधन में राजद और जदयू के बीच मुधर संबंध दरक रहे हैं। दिल्ली एमसीडी चुनाव में यह दरार धीरे धीरे खाई बनती जा रही है। दोनों दलों के बड़े नेता सार्वजनिक रूप से इस बात को मानने से इनकार करते आ रहे हैं पर दलों के बीच की बढ़ती दूरियां सबकी नज़रों में आ रहीं है।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने भी दिल्ली में एमसीडी का चुनाव बिना किसी गठबंधन के अकेले लड़ने का फैसला किया है। यह फैसला इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि जदयू पहले से ही दिल्ली में एमसीडी चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है।
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ऐसे में बिहार में महागठबंधन के तीनों प्रमुख दल अब दिल्ली निगम चुनाव में आमने-सामने होंगे। कांग्रेस तो दिल्ली की प्रमुख पार्टी है। वह पहले से निगम चुनाव की तैयारियों में जुटी है। महागठबंधन के एक प्रमुख दल जदयू ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह अपने उम्मीदवार उतारेगी। ऐसे कांग्रेस पार्टी को झटका लगा है, क्योंकि कांग्रेस, राजद और जदयू तीनों पार्टियां महागठबंधन का हिस्सा हैं।यह भी पढ़ें: MCD polls 2017: लगातार हो रहे सर्वे से बढ़ रहीं कांग्रेसियों की धड़कनें
राष्ट्रपति पद के लिए कोई किसी को पूछ भी नहीं रहा और लोग बोले जा रहे हैं। उनसे पूछा गया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले दिनों कहा था कि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं हैं। राजद सुप्रीमो ने कहा आरएसएस और भाजपा की सरकार है, जिसे चाहें राष्ट्रपति बनाएं।
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ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर चल रहे विवाद पर लालू ने कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उधर, जदयू ने रविवार को छठी सूची जारी कर दी।