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यूपी चुनाव 2017: प्रियंका गांधी तथा डिंपल यादव इलाहाबाद में एक साथ

उत्तर प्रदेश की राजनीति के गढ़ माने जाने वाले शहर इलाहाबाद में प्रियंका गांधी तथा डिंपल यादव एक साथ दिखाई पड़ रही हैं। इनके साथ आने से अखिलेश व राहुल के अभियान को भी गति मिलेगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 15 Jan 2017 07:07 PM (IST)
यूपी चुनाव 2017: प्रियंका गांधी तथा डिंपल यादव इलाहाबाद में एक साथ
इलाहाबाद (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से कांग्रेस से गठबंधन को हरी झंडी मिलने के बीच सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी बेहद सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति के गढ़ माने जाने वाले शहर इलाहाबाद में प्रियंका गांधी तथा डिंपल यादव एक साथ दिखाई पड़ रही हैं। इनके एक साथ आने के कारण अब अखिलेश यादव तथा राहुल गांधी के अभियान को भी गति मिलेगी।
उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश को कांग्रेस अपना समर्थन दे सकती है, जिस पर काफी समय से राजनीतिक विशेषज्ञ अपनी राय दे रहे थे। इलाहाबाद में कांग्रेस की प्रियंका गाँधी और डिंपल यादव को एक साथ देखा गया है। जिसके बाद गठबंधन की अटकलों को और बढ़ावा मिल गया है।
इनको शहर के सिविल लाइंस चौराहा के सुभाष चौक पर पोस्टर में साथ देखा गया है। जिले की कांग्रस कमेटी की ओर से एक पोस्टर जारी किया गया है। जिसमें कांग्रेस की प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री अखिलेश की पत्नी एक साथ नजर आ रही हैं। यह पोस्टर इलाहाबाद शहर कांग्रेस के महासचिव इरशाद उल्ला और कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने लगवाया था।
पोस्टर में सबसे ऊपर लिखा है कि, 'महिलाओं का बजेगा डंका'। उसके नीचे लिखा गया है कि, 'झूठे वादों से दिलाओ निजात, उत्तर प्रदेश का करो विकास'। युवा कंधों पर उत्तर प्रदेश की बागडोर सौंपने की अपील भी इस पोस्टर में की गई है।
सक्रिय भूमिका में डिंपल
एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी में अस्तित्व बचाने के लिए बाप-बेटे के बीच जंग छिड़ी हुई है, वहीं रस्साकशी से दूर यादव परिवार की एक बहू डिंपल यादव यूपी की राजनीति का मजबूत व्यक्तिव बन कर उभर रही हैं। डिंपल यादव 2012 में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही है, मगर अपनी शांत छवि के कारण सुर्खियों में बहुत कम रही है। शांत और सौम्य बहु वाली छवि से निकल यूपी के चुनावी दंगल में दो दिग्गजों को जोड़कर चुनावी समीकरण को उल्टफेर करने में लगी है।
डिंपल यादव संसद से लेकर सार्वजनिक मंचों पर बहुत कम बोलती देखी गई हैं। अब वही कम बोलने वाली डिंपल कांग्रेस से लगातार संवाद कर कांग्रेस-अखिलेश का गठबंधन कराने में जुटी हुई हैं। डिंपल, कांग्रेस की प्रियंका गांधी के संपर्क में हैं और लगातार संवाद कायम कर दोनों के बीच चुनावी तालमेल करने में जुटी हैं। अब तो आलम यह है कि अखिलेश के चुनाव प्रचार की कमान भी खुद उन्होंने अपने हाथों में ले ली है। डिंपल एक कुशल दूत के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हैं। लोग तो यहां तक कहते हैं कि अगर कांग्रेस के साथ उनका तालमेल हो जाता है तो डिंपल तथा प्रियंका गांधी के साथ चुनाव प्रचार में नजर आएंगी।
अबकी बार डिंपल को लोग अखिलेश के साथ बड़े स्टार प्रचारक के रूप में देखना चाहते हैं। डिंपल यादव (39) यदि स्टार प्रचारक के रूप में उभरती हैं तो यह उनके लिए सियासत में एक कदम आगे बढऩे की बात होगी। 2009 में जब डिंपल यादव पहली बार चुनावी मैदान में उतरी थीं तब उनको बेहद गंभीरता से नहीं लिया गया था और वह उस उपचुनाव में फीरोजाबाद सीट से राज बब्बर से हार गई थीं। उसके बाद 2012 में अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जब कन्नौज संसदीय सीट छोड़ी तो उपचुनाव में डिंपल को कोई चुनौती देने वाला नहीं था। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी की लहर के बावजूद अपनी कन्नौज सीट को बचाने में कामयाब रहीं।