इन 10 फिल्मों ने बना दिया आमिर खान को 'फ्लॉप हीरो'
मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान को बॉलीवुड में सफलता की गारंटी माना जाता है, लेकिन आमिर की कई फिल्में ऐसी रहीं, जो बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचा पाई। आमिर के जन्मदिन पर आपको उनकी ऐसी 10 फिल्मों के बारे में बताते हैं..
By Edited By: Updated: Sun, 16 Mar 2014 02:24 PM (IST)
मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान को बॉलीवुड में सफलता की गारंटी माना जाता है, लेकिन आमिर की कई फिल्में ऐसी रहीं, जो बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचा पाई। आमिर के जन्मदिन पर आपको उनकी ऐसी 10 फिल्मों के बारे में बताते हैं..
एक क्लिक करके जानिए आमिर की अनसुनी बातें लव लव लव (1989): इस फिल्म में भी 'कयामत से कयामत तक' की आमिर और जूही की हिट जोड़ी थी, लेकिन 1989 में आई यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई। आखिर आमिर ने क्यों खरीदी 10 करोड़ की बॉम्बप्रूफ कार? जानने के लिए सिर्फ एक क्लिक करें
तुम मेरे हो (1990): आमिर-जूही की एक और फिल्म, जो पिट गई। आमिर इस फिल्म में संपेर, जबकि जूही गांव की छोरी के रोल में थीं। पढ़ें: इस अंजान जगह पर रास्ता भटकने से घबरा गए थे आमिर
दीवाना मुझसा नहीं (1990): इस फिल्म में आमिर के अपोजिट माधुरी दीक्षित थीं। आमिर फिल्म में फोटोग्राफर के रोल में थे, जो अपनी ही एजेंसी की मॉडल (माधुरी) के इश्क में गिरफ्तार हो जाता है। फिल्म की धीमी रफ्तार इसके लिए घातक साबित हुई और दर्शकों ने इसे नकार दिया। जवानी जिंदाबाद (1990): इस रोमांटिक कॉमेडी ने फिल्म ने आमिर के करियर पर फ्लॉप का एक और दाग लगाया। इस फिल्म में आमिर के साथ नब्बे के दशक की स्टार फराह नाज थीं। अफसाना प्यार का (1991): इस फिल्म का गाना 'टिप-टिप बारिश..' हिट हुआ था, लेकिन फिल्म नहीं चली। फिल्म में आमिर का नाम राज था, लेकिन कयामत से कयामत तक का राज इस फिल्म को हिट नहीं करा पाया। इसी का नाम जिंदगी (1992): जवानी जिंदाबाद की तरह इस फिल्म में भी आमिर और फराह नाज की जोड़ी एक बार फिर फ्लॉप साबित हुई। फिल्म की कहानी ऐसी थी कि दर्शक इसे समझ ही नहीं पाए। दौलत की जंग (1992): आमिर और जूही दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और दोनों को घरवाले इसका विरोध करते हैं। दोनों अपने इश्क को अंजाम तक पहुंचाने के लिए घर से भाग जाते हैं और फिर शुरू होता है दोनों को खोजने का एक अभियान। इतना सब ड्रामा भी फिल्म को सफल कराने में नाकाफी साबित होता है। परंपरा (1993): इसे यश चोपड़ा की सबसे कमजोर फिल्म कहा जाता है। फिल्म में खानदानी दुश्मनी दिखाई जाती है। एक्टर के तौर पर आमिर इस फिल्म में बहुत कमजोर साबित हुए। आतंक ही आतंक (1995): आमिर और जूही की यह फिल्म हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म 'द गॉडफादर' की नकल थी। लेकिन यह नकल भी आमिर के काम नहीं आई और फिल्म को दर्शकों ने अच्छा रिस्पॉन्स नहीं दिया। रजनीकांत जैसा स्टार भी इस फिल्म को नहीं बचा पाया। मेला (2000): आमिर खान ने यह फिल्म खास तौर पर अपने भाई फैसल खान का करियर बचाने के लिए की थी, लेकिन आमिर के करियर के लिए यह फिल्म धब्बा साबित हुई। साल 2000 की यह सबसे फ्लॉप फिल्म साबित हुई थी। बॉलीवुड की एक वेबसाइट ने इसे उस साल का डिजास्टर करार दिया था।