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कभी एक साल में 11 फ़िल्में करते थे अक्षय कुमार, जानिए कैसे बने बॉलीवुड के खिलाड़ी

बॉक्स ऑफ़िस पर फ़िल्म ठीकठाक चली। अब भले ही अक्षय कुमार को वर्सेटाइल एक्टर माना जाने लगा हो, पर उनके करियर में खिलाड़ी सीरीज़ की इन फ़िल्मों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Sun, 10 Sep 2017 08:38 AM (IST)
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कभी एक साल में 11 फ़िल्में करते थे अक्षय कुमार, जानिए कैसे बने बॉलीवुड के खिलाड़ी
मुंबई। 50 साल... उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने से पहले ही खिलाड़ी थककर रिटायर हो जाते हैं, मगर बॉलीवुड के इस खिलाड़ी को देखकर लगता है कि उम्र ने हार मान ली है। रिटायर होने की बात तो छोड़िए, ये ऐसा खिलाड़ी है, जो मैदान में ना सिर्फ़ टिका हुआ है, बल्कि अपने करियर की शानदार ईनिंग भी वक़्त खेल रहा है।

आज (9 सितंबर) अक्षय कुमार जन्म दिन मना रहे हैं, ये ख़ास है क्योंकि वो 50 के हो गए हैं। उन्हें बॉलीवुड का खिलाड़ी कहा जाता है, इसके पीछे उनकी चुस्ती-फुर्ती और फिटनेस तो है ही, वो खिलाड़ी सीरीज़ भी है, जिसकी सक्सेस ने अक्षय को ये ख़िताब दिलवाया।

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इसकी शुरुआत 25 साल पहले 'खिलाड़ी' फ़िल्म के साथ हुई। ये फ़िल्म 1992 में 5 जून को रिलीज़ हुई थी और अक्षय के करियर की पहली बड़ी कामयाबी मानी जाती है। अब्बास-मस्तान डायरेक्टिड सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म में अक्षय के साथ दीपक तिजोरी पेरेलल लीड रोल में थे। आएशा झुलका फ़ीमेल लीड रोल में नज़र आयी थीं। इसके बाद अक्षय ने ऐसी कई फ़िल्मों में काम किया, जिनके टाइटल में खिलाड़ी का इस्तेमाल किया गया था।

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नब्बे के दशक में अक्षय ने कई फ़िल्में कीं, मगर खिलाड़ी टाइटल वाली एक्शन फ़िल्में ख़ास तौर पर कामयाब रहीं। 1994 में अक्षय की 11 फ़िल्में रिलीज़ हुई थीं, मगर इनमें 'मैं खिलाड़ी तू आनाड़ी' ने सबसे अधिक प्रभावित किया। इस फ़िल्म को समीर मल्कान ने डायरेक्ट किया था। ये फ़िल्म 'द हार्ड वे' का रीमेक थी। अक्षय इसमें पुलिस इंस्पेक्टर के किरदार में थे, जबकि सैफ़ अली ख़ान ने बॉलीवुड स्टार को रोल निभाया था। इस फ़िल्म से शिल्पा शेट्टी को बॉलीवुड में ग्लैमरस एक्ट्रेस के तौर पर पहचान मिली। वहीं अक्षय के साथ उनकी जोड़ी को ख़ास तौर पर सराहा गया।

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खिलाड़ी टैग अक्षय कुमार के लिए लकी माना जाने लगा और प्रोड्यूसर्स इस टाइटल को लेकर फ़िल्में बनाने में दिलचस्पी लेने लगे। 1995 में उमेश मेहरा ने 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' बनाई, जो हिंदी उपन्यास लेखक वेद प्रकाश शर्मा के नॉवल 'लल्लू' का एडेप्टेशन थी। ममता कुलकर्णी इस सस्पेंस-थ्रिलर में अक्षय की हीरोइन बनीं। ये फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस सक्सेस साबित हुई।

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इसके बाद ये धारणा बन गई कि खिलाड़ी टाइटल से जो भी फ़िल्म बनेगी, वो कामयाब रहेगी। इस धारणा और कामयाबी को भुनाने के लिए 1996 में उमेश मेहरा ने एक्शन-थ्रिलर 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' बनायी, जिसमें रेखा निगेटिव रोल में थीं और अक्षय कुमार के साथ उनके कुछ दृश्यों ने सनसनी मचा दी थी। फ़िल्म की लीडिंग लेडी रवीना टंडन थीं। फ़िल्म में अक्षय हैवी वेट रेस्लर्स के साथ लड़ते हुए दिखाई दिए थे। इसी फ़िल्म की शूटिंग के दौरान अक्षय कुमार ज़ख़्मी हुए थे और अमेरिका में उनका इलाज हुआ था।

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बॉक्स ऑफ़िस पर ये फ़िल्म बेहद कामयाब रही। 1997 मे खिलाड़ी सीरीज़ को 'मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी' से आगे बढ़ाया गया, जिसे डेविड धवन ने डायरेक्ट किया। ये खिलाड़ी सीरीज़ की बाक़ी फ़िल्मों से अलग एक्शन-कॉमेडी फ़िल्म थी, जिसमें जूही चावला अक्षय कुमार के साथ पेयर्ड अप हुईं। 'मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी' 1992 की तेलुगु हिट 'आ ओकट्टी अडाक्कू' का रीमेक थी। बॉक्स ऑफ़िस पर ये फ़िल्म कुछ ख़ास कामयाब नहीं रही थी। हालांकि इससे खिलाड़ी टाइटल में फ़िल्ममेकर्स का भरोसा कम नहीं हुआ।

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1999 में उमेश मेहरा ने अक्षय कुमार को 'इंटरनेशनल खिलाड़ी' बनाकर पर्दे पर उतारा। ये फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर औसत साबित हुई। इस फ़िल्म में अक्षय की पार्टनर ट्विंकल खन्ना बनीं, जो बाद में उनकी लाइफ़ पार्टनर बन गयीं।

2000 में जब सदी करवट बदल रही थी, तो अक्षय 'खिलाड़ी 420' बनकर पर्दे पर उतरे। नीरज वोरा डायरेक्टेड फ़िल्म में उनकी लीडिंग लेडी महिमा चौधरी बनीं। ये खिलाड़ी सीरीज़ की सातवीं इंस्टॉलमेंट थी। जैसा कि टाइटल से ज़ाहिर है, इस फ़िल्म में खिलाड़ी कॉन बन गया था। ये फ़िल्म अक्षय के ख़तरनाक एयरोप्लेन स्टंट की वजह से चर्चा में रही। अक्षय ने हज़ारों फुट ऊपर हवा में उड़ते हुए प्लेन से एक हॉट एयर बैलून पर छलांग लगायी थी। ये शॉट उन्होंने वन टेक में पूरा किया। शायद जोख़िम उठाने के जज़्बे के चलते भी उन्हें खिलाड़ी कहा जाता है। 

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'खिलाड़ी 420' के बाद अक्षय ने इस सीरीज़ से लंबा ब्रेक लिया और पूरे 12 साल बाद इस टैग के साथ अक्षय की वापसी 2012 में हुई। रोहित शेट्टी को असिस्ट कर चुके आशीष आर मोहन ने अक्षय के साथ 'खिलाड़ी 786' बनाई, जो एक्शन-कॉमेडी फ़िल्म थी। बॉक्स ऑफ़िस पर फ़िल्म ठीकठाक चली। खिलाड़ी सीरीज़ ने 2012 में 20वीं सालगिरह भी मनायी। अब भले ही अक्षय कुमार को वर्सेटाइल एक्टर माना जाने लगा हो, पर उनके करियर में खिलाड़ी सीरीज़ की इन फ़िल्मों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता।