बायोपिक फ़िल्मों में आम आदमी का Heroism, सुपरस्टार बन रहे Common Man
ये कहानियां आम आदमी को सिनेमा के पर्दे पर लाकर उसे सच्चा हीरो बनाती हैं। उनके हीरोइज़्म की पटकथा किसी स्क्रिप्ट राइटर ने नहीं लिखी होती, बल्कि वो ख़ुद उसके राइटर होते हैं।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Sun, 02 Jul 2017 09:47 AM (IST)
मुंबई। बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक फ़िल्मों को काफ़ी तवज्जो दी जा रही है। इनमें कुछ फ़िल्में ऐसी होती हैं, जो किसी मशहूर ऐतिहासिक चरित्र, खिलाड़ी या शख़्सियत के इर्द-गिर्द घूमती हैं। वहीं कुछ फ़िल्मों के हीरो गुमनाम होते हैं। उन्होंने रियल लाइफ़ में कोई ऐसा काम किया होता है, जो उन्हें हीरो बनाता है, मगर उसके बारे में किसी को पता नहीं होता।
ये कहानियां आम आदमी को सिनेमा के पर्दे पर लाकर उसे सच्चा हीरो बनाती हैं। उनके हीरोइज़्म की पटकथा किसी स्क्रिप्ट राइटर ने नहीं लिखी होती, बल्कि वो ख़ुद उसके राइटर होते हैं।यह भी पढ़ें: Sports Persons पर बन रही हैं फ़िल्में, अक्षय खेलेंगे हॉकी, श्रद्धा बैडमिंटन
सिद्धार्थ रॉय कपूर ने हाल ही में अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की है, जिसके तहत वो कई फ़िल्में बना रहे हैं। इन्हीं में एक फ़िल्म विजेंद्र सिंह राठौर पर बनायी जा रही है। विजेंद्र ने 2013 में उत्तराखंड की बाढ़ में खोई अपनी पत्नी की तलाश 19 महीनों तक जारी रखी थी। सब कहते रहे कि वो मर चुकी होगी, अब नहीं मिलेगी। मगर, विजेंद्र ने सिर्फ़ अपने दिल की सुनी। आख़िरकार विजेंद्र का यक़ीन जीता और पत्नी मिलीं। इस दौरान विजेंद्र को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक दिक्कतों को सामना करना पड़ा, जो उन्हें हीरो बनाता है।
यह भी पढ़ें: इन डायरेक्टर्स का एहसान ना उतार पाएंगे ये 5 सुपरस्टार्स अक्षय कुमार सुपरस्टार हैं, मगर पैडमैन में वो एक ऐसे इंसान के रोल में दिखायी देंगे, जिसे तब ही शोहरत मिली, जब पता चला कि अक्षय उसका रोल निभा रहे हैं। ये शख़्स हैं अरुणाचलम, जो तमिलनाडु के छोटे उद्यमी हैं। अरुणाचलम ने कम क़ीमत के सेनिटरी पैड बनाने की शुरुआत की थी, जो महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी क़दम है। इस फ़िल्म को आर बाल्की डायरेक्ट कर रहे हैं, जबकि राधिका आप्टे अक्षय की पत्नी के किरदार में दिखायी देंगी। अक्षय कुमार की गोल्ड हॉकी कैप्टन बलबीर सिंह की कहानी है, जिन्होंने कई साल पहले ओलंपिक्स में देश को लगातार तीन गोल्ड मैडल दिलवाए थे, मगर उनकी ये उपलब्धि गुमनाम ही रही।यह भी पढ़ें: 100 करोड़ तक पहुंचने में ट्यूबलाइट को लगे 6 दिन, रेडी को 12आप पटना के आनंद कुमार को भले ना जानते हों, मगर सुपर 30 सुनते ही आंखों में चमक ज़रूर आती होगी। आनंद कुमार सुपर 30 नाम की कोचिंग क्लासेज़ के संस्थापक हैं। आप सोचेंगे, इसमें क्या हीरोइज़्म है। आनंद का हीरोइज़्म ये है कि उनकी कोचिंग की मदद से ग़रीब तबके के सैकड़ों छात्र-छात्राएं जेईई (आईआईटी) जैसा मुश्किल एग्ज़ाम क्रेक करके इंजीनियर बन चुके हैं, वो भी मुफ़्त में। विकास बहल आनंद पर बायोपिक बना रहे हैं। ख़बर है कि रितिक रोशन इसमें लीड रोल निभा सकते हैं। वैसे प्रकाश झा की फ़िल्म आरक्षण में सुपर 30 के कांसेप्ट की झलक देखी जा चुकी है। यह भी पढ़ें: बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ इन दिनों क्या कर रहे हैं, तस्वीरों में देखिएआमिर ख़ान दंगल में रेस्लर चैंपियन और कोच महावीर फोगाट के रोल में थे। महावीर ने देश को मैडल दिलाने का सपना देखा और बेटियों को चैंपियन रेस्लर बनाया। महावीर के हीरोइज़्म को डायरेक्ट नितेश तिवारी आमिर ख़ान के ज़रिए पर्दे पर लाये। दंगल से पहले गीता और बबीता को तो लोग जानते थे, मगर महावीर फोगाट का नाम आम जनता के लिए नया था। यह भी पढ़ें: एकता कपूर ने हाथ में लिपस्टिक लेकर मर्दों के लिए बोल दी ऐसी बात माउंटेनमैन दशरथ मांंझी की कहानी केतन मेहता लेकर आये। पहाड़ रास्ते में आने की वजह से दशरथ की पत्नी की जान चली गयी थी, दशरथ ने उस पहाड़ को ही काट डाला। सालों लगे, मगर दशरथ का हौसला बना रहा। दशरथ ने पत्नी की मौत के बाद अकेले पहाड़ काटकर जो रास्ता बनाया, वही उनका हीरोइज़्म है।यह भी पढ़ें: बॉलीवुड की ये 7 जोड़ियां ऐसी टूटीं कि पर्दे पर फिर कभी ना मिल सकींसंदीप ए वर्मा की फ़िल्म मंजूनाथ एक ऑयल कंपनी में काम करने वाले शख़्स की कहानी थी, जो पैट्रोल पंपों पर होने वाली मिलावट को उजागर करता है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का दम दिखाता है, जिसकी क़ीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। हंसल मेहता की फ़िल्म शाहिद, लॉयर शाहिद आज़मी की बायोपिक फ़िल्म है, जिनकी 2010 में हत्या कर दी गयी थी। शाहिद आतंकवाद के आरोप में फंसे लोगों का केस लड़ते थे। फ़िल्म में राजकुमार राव ने टाइटल रोल निभाया था।यह भी पढ़ें: बाहुबली की देवसेना समेत इन 5 ब्यूटीज़ का बॉलीवुड को है इंतज़ारनीरजा, फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोत की बायोपिक फ़िल्म है। राम माधवानी डायरेक्टेड फ़िल्म में सोनम कपूर ने टाइटल रोल निभाया। नीरजा ने प्लेन हाईजैक होने के बाद कई यात्रियों की जान बचायी थी। इसी कोशिश में उनकी जान चली गयी। नीरजा को इस हीरोइज़्म के लिए कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था।