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फिल्मों से पहले आर्थिक तंगी से जूझ रहे अरशद वारसी करते थे ये काम

अरशद वारसी भले ही आज बॉलीवुड के वर्सेटाइल एक्टर्स में गिने जाते हैं और उन्हें पैसों की कोई कमी नहीं है। मगर एक समय था, जब उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Tue, 19 Apr 2016 06:39 PM (IST)
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नई दिल्ली (जेएनएन)। बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी को फिल्म इंडस्ट्री में बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग के लिए जाना जाता है, मगर यह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वो फिल्मों में आने से पहले सेल्समैन का काम किया करते थे। हालांकि इसका कारण कमजोर आर्थिक स्थिति थी। इसके बाद अरशद ने फोटो लैब में भी काम किया और फिर कुछ समय बाद डांसिंग ग्रुप ज्वाइन कर लिया। अरशद के जन्मदिन पर उनके अब तक के सफर को बयां करती ये रिपोर्ट।

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अरशद मुंबई के मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 19 अप्रैल 1968 को हुआ था। अरशद की प्रारंभिक शिक्षा नासिक, महाराष्ट्र में हुई। हालांकि दसवीं के बाद ही अरशद ने स्कूल छोड़ दिया था। अरशद की पत्नी मारिया गोरेट्टी एक वीजे हैं। दोनों की मुलाकात अरशद की डांस एकेडमी में हुई थी।

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अरशद ने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1996 में फिल्म 'तेरे मेरे सपने' से की थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म में रोल का ऑफर उन्हें जया बच्चन ने दिया था। इसके बाद अरशद ने कई फिल्मों में काम किया, मगर बॉलीवुड में पहचान उन्हें साल 2003 में आई फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' और साल 2006 में आई फिल्म 'लगे रहो मुन्ना भाई' से मिली। इसमें निभाए गए सर्किट के किरदार ने अरशद को सभी का चहेता बना दिया। अरशद को इस फिल्म के लिए अवॉर्ड भी मिला। साल 2013 में आई फिल्म 'जॉली एलएलबी' के लिए भी अरशद को खूब तारीफें मिलीं।

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अरशद ने साल 1987 में 'ठिकाना' और 'काश' जैसी फिल्मों के लिए महेश भट्ट के साथ बतौर असिस्टेंट भी काम किया था। अरशद को शुरू से ही डांसिंग और कोरियोग्राफी में दिलचस्पी थी। साल 1993 में उनको 'रूप की रानी चोरों का राजा' का टाइटल ट्रैक कोरियोग्राफ करने का मौका मिला था। हाल के समय में अरशद फिल्म 'गुड्डू रंगीला' में नजर आए थे, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।