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'मुबारकां' में अनिल-अर्जुन बने चाचा-भतीजा, ये एक्टर्स पर्दे पर निभा चुके हैं रियल लाइफ़ रिलेशनशिप

1984 की फ़िल्म सनी में सनी देओल के पिता का रोल धर्मेंद्र ने ही निभाया था। हालांकि इस फ़िल्म में धर्मेंद्र और सनी ने स्क्रीन स्पेस शेयर नहीं किया था।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Fri, 28 Jul 2017 12:29 PM (IST)
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'मुबारकां' में अनिल-अर्जुन बने चाचा-भतीजा, ये एक्टर्स पर्दे पर निभा चुके हैं रियल लाइफ़ रिलेशनशिप
मुंबई। पर्दे पर एक्टर्स तमाम रिश्तेदारियां निभाते हैं। कभी भाई बनते हैं तो कभी किसी एक्टर के पिता, मगर इन रिश्तेदारियों में जान तब पड़ जाती है, जब रियल लाइफ़ का रिश्ता रील लाइफ़ में निभाने मौक़ा मिलता है। 

अनीस बज़्मी की फ़िल्म मुबारकां में अनिल कपूर और अर्जुन कपूर लीड रोल्स में दिखायी देंगे। रियल लाइफ़ के ये चाचा-भतीजे पर्दे पर भी चाचा-भतीजे ही बने हैं और इनकी केमिस्ट्री का फ़िल्म के ट्रेलर में दिख भी रही है। इस रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म में अथिया शेट्टी और इलियाना डिक्रूज़ फ़ीमेल लीड रोल्स में हैं। 

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अर्जुन डबल रोल में हैं। दिलचस्प बात ये है कि अनिल कपूर ने अपने ट्विटर एकाउंट के इंट्रोडक्शन में भी चाचा शब्द जोड़ लिया है। वहीं अर्जुन ने भतीजा एड कर लिया है। 

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देओल परिवार में भी कुछ फ़िल्मों में रियल लाइफ़ रिलेशनशिप को पर्दे पर दिखाया गया है। अनिल शर्मा की फ़िल्म अपने (2007) में धर्मेंद्र, सनी देओल और बॉबी देओल लीड रोल्स में थे। सनी और बॉबी भाई बने, जबकि धर्मेंद्र इनके पिता के किरदार में नज़र आये। इसके बाद यमला पगला दीवाना (2011) में देओल फ़ैमिली अपनी रियल लाइफ़ रिलेशनशिप एक साथ निभाती नज़र आयी थी। 

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1984 की फ़िल्म सनी में सनी देओल के पिता का रोल धर्मेंद्र ने ही निभाया था। हालांकि इस फ़िल्म में धर्मेंद्र और सनी ने स्क्रीन स्पेस शेयर नहीं किया था। इसके बाद 1986 में रिलीज़ हुई कॉस्ट्यूम ड्रामा सल्तनत में भी धर्मेंद्र, सनी के पिता के किरदार में दिखे। हालांकि फ़िल्म में दोनों दुश्मन की तरह आमने-सामने दिखाये गये थे। 1993 की फ़िल्म क्षत्रिय में धर्मेंद्र और सनी बाप-बेटे के रोल में नज़र आये थे।

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सनी देओल की डायरेक्टोरियल डेब्यू फ़िल्म दिल्लगी (1999) में ख़ुद सनी और बॉबी ने लीड रोल्स भी निभाये। फ़िल्म में दोनों सगे भाई बने थे। दोनों की केमिस्ट्री भी मज़ेदार रही। 

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2005 में आयी सरकार में अमिताभ बच्चन सुभाष नागरे बने। अभिषेक बच्चन ने उनके बेटे का किरदार निभाया। 2008 में आये इसके सीक्वल सरकार राज में भी अमिताभ और अभिषेक फ़ादर-सन के किरदार में थे। फ़िल्म में अभिषेक का किरदार मर जाता है, जिसके चलते तीसरे पार्ट सरकार 3 (2017) में अभिषेक की सिर्फ़ तस्वीर दिखायी गयी थी। सरकार राज में ऐश्वर्या राय फ़ीमेल लीड रोल में थीं। हालांकि तब तक वो मिसेज बच्चन नहीं बनी थीं। दिलचस्प बात ये है कि पा में अभिषेक बच्चन ने अमिताभ के पिता का रोल निभाया था। फ़िल्म में अमिताभ 13 साल के ऑरो के रोल में थे, जिसे प्रोजेरिया होता है। 

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सुनील दत्त ने बेटे संजय दत्त को रॉकी (1981) से लांच किया। इस फ़िल्म में सुनील, संजय के पिता बने। वहीं, संजय के करियर की माइल स्टोन फ़िल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003) में सुनील दत्त ने उनके पिता का रोल निभाया था। क्षत्रिय में भी संजय दत्त के पिता के रोल में सुनील दत्त ही थे, हालांकि दोनों को स्क्रीन स्पेस शेयर करने का मौक़ा नहीं मिला। 

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अक्षय खन्ना ने 1997 में अपना बॉलीवुड करियर हिमालयपुत्र से शुरू किया। इस फ़िल्म में उनके पिता का किरदार विनोद खन्ना ने ही निभाया था। 

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कुमार गौरव भी ऐसे एक्टर हैं, जिन्हें रील लाइफ़ में रियल फ़ादर राजेंद्र कुमार के साथ काम करने का मौक़ा मिला। कुमार गौरव की डेब्यू फ़िल्म लव स्टोरी (1981) में राजेंद्र कुमार उनके पिता बने थे। ये फ़िल्म सुपरहिट रही थी। 

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जीतेंद्र बेटे तुषार के पापा बनकर स्क्रीन पर आ चुके हैं। तुषार के करियर की शुरुआती फ़िल्म कुछ तो है (2003) में जीतेंद्र ने उनके पिता का किरदार निभाया था। इस फ़िल्म को तुषार की सिस्टर एकता कपूर और मॉम शोभा कपूर ने प्रोड्यूस किया था।

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2003 की फ़िल्म कोई मिल गया में रितिक रोशन के पिता, उनके रियल लाइफ़ फ़ादर राकेश रोशन ही बने। राकेश ने फ़िल्म को डायेरक्ट भी किया था। हालांकि दोनों ने स्क्रीन स्पेस शेयर नहीं किया, क्योंकि शुरुआत में ही राकेश के किरदार की मौत हो जाती है। 

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रणधीर कपूर ऐसे एक्टर हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग के साथ डायरेक्टोरियल डेब्यू भी किया। ये फ़िल्म थी कल आज और कल, जिसमें रणधीर के पिता के रोल में राज कपूर और दादा के किरदार में पृथ्वीराज कपूर थे। दिलचस्प बात ये भी है कि तीन जनरेशन की इस कहानी में रणधीर के अपोज़िट बबीता फ़ीमेल लीड रोल में थीं, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं।

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हेमा मालिनी और धर्मेंद्र ने बेटी एशा देओल के साथ टेल मी ओ ख़ुदा (2011) में स्क्रीन स्पेस शेयर किया था। इस फ़िल्म का निर्देशन भी हेमा मालिनी ने किया। फ़िल्म में धर्मेंद्र और हेमा, ईशा के माता-पिता के रोल में थे। ये फ़िल्म एशा का री-लांच करने के उद्देश्य से बनायी गयी थी, मगर फ्लॉप रही।