तिग्मांशु समेत बॉलीवुड के 6 डायरेक्टर्स, जिनके आगे फ़ेल हैं कई एक्टर्स
बहुमुखी प्रतिभा वाले फ़रहान ने रॉक ऑन से बतौर एक्टर डेब्यू किया, जो कामयाब रहा। अब फ़रहान का ज़्यादातर वक़्त एक्टिंग में गुज़रता है। उनकी अगली फ़िल्म लखनऊ सेंट्रल है।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Tue, 08 Aug 2017 10:57 AM (IST)
मुंबई। कभी कैमरे के आगे, कभी कैमरे के पीछे। बॉलीवुड के कुछ सेलेब्रिटीज़ पर ये लाइन बिल्कुल फ़िट बैठती है। हम बात कर रहे हैं ऐसे फ़िल्ममेकर्स की, जिन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू तो बिहाइंड द कैमरा किया, मगर जब कैमरे के आगे आने का मौक़ा मिला तो भी कमाल दिखाने से नहीं चूके।
करण जौहर:करण जौहर में दिलचस्पी रखने वाले लोग जानते होंगे कि बॉलीवुड में बतौर डायरेक्टर करियर शुरू करने से पहले उन्होंने कुछ फ़िल्मों में छोटे-मोट रोल भी किये थे, जो गेस्ट एपीयरेंस जैसे थे। मगर, अनुराग कश्यप की फ़िल्म बॉम्बे वेल्वेट से करण पूरी तरह से एक्टर बन गये। करण ने फ़िल्म में मुख्य विलेन का किरदार निभाया था।
अनुराग कश्यप:अनुराग कश्यप की पहचान बॉलीवुड में एक बेहतरीन डायरेक्टर के तौर पर है। कमर्शियली उनकी फ़िल्मों की कामयाबी का औसत भले ही अच्छा ना हो, मगर क्राफ़्ट की नज़र से उनकी गिनती अपने काम में माहिर लोगों में की जाती है। अनुराग ने बॉलीवुड में करियर बतौर स्क्रीन राइटर शुरू किया। 2007 की फ़िल्म ब्लैक फ़्राइडे से वो डायरेक्टर बने। इस फ़िल्म में उन्होंने एक रोल भी निभाया। इसके बाद अनुराग एक्टिंग करते हुए अक्सर दिख जाते हैं। बतौर एक्टर उनकी पिछली फ़िल्म अकीरा है, जिसमें अनुराग ने विलेन का किरदार निभाया।यह भी पढ़ें: बॉलीवुड में 5 साल की सनसनी, सुपरस्टार कोई हो पर सनी लियोनी ज़रूरीफ़राह ख़ान:कोरियोग्राफ़र बनने से पहले फ़राह ख़ान कुछ फ़िल्मों के एक-दो सींस में नज़र आ चुकी थीं। बतौर कामयाब कोरियोग्राफ़र लंबी पारी खेलने के बाद फ़राह ओम शांति शोम से डायरेक्टर बनीं और कई सक्सेसफुल फ़िल्में दीं। संजय लीला भंसाली की बहन बेला सैगल की फ़िल्म शीरीं फ़रहाद की तो निकल पड़ी से फ़राह एक्ट्रेस बन गयीं। फ़िल्म में बमन ईरानी उनके ऑपोज़िट थे।यह भी पढ़ें: इन एक्टर्स ने दिखायी डायरेक्टर बनने की हिम्मत, कुछ ने एक बाद फ़िल्म बाद कर ली तौबातिग्मांशु धूलिया: तिग्मांशु ने अपने करियर की शुरुआत में एक्टिंग से लेकर कास्टिंग डायरेक्टर तक का काम किया, मगर उनकी पहचान डायरेक्टर के तौर पर ही बनी। 2012 में अनुराग कश्यप की फ़िल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से तिग्मांशु पूरी तरह एक्टर बन गये। सीरीज़ में उन्होंने नेगेटिव रोल निभाया था, जो काफ़ी मशहूर हुआ। बतौर एक्टर वो पर्दे पर 2015 की फ़िल्म हीरो में देखे गये। तिग्मांशु अब आनंद एल राय की शाह रुख़ ख़ान स्टारर फ़िल्म में उनके पिता के रोल में दिखने वाले हैं। यह भी पढ़ें: किस ईमोजी को कौन सा एक्टर करता है सूट, पढ़िए इस रिपोर्ट मेंफ़रहान अख़्तर: फ़रहान अख़्तर भी ऐसे ही फ़िल्ममेकर हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में करियर बतौर डायरेक्टर शुरू किया और फ़िल्म एक्टर बने। दिल चाहता है से कामयाब डेब्यू के बाद फ़रहान की गिनती सुलझे हुए डायरेक्टर्स में होने लगी थी। मगर, बहुमुखी प्रतिभा वाले फ़रहान ने रॉक ऑन से बतौर एक्टर डेब्यू किया, जो कामयाब रहा। अब फ़रहान का ज़्यादातर वक़्त एक्टिंग में गुज़रता है। उनकी अगली फ़िल्म लखनऊ सेंट्रल है।यह भी पढ़ें: ये डायरेक्टर्स फ़िल्मों में कर चुके हैं कैमियो, आख़िरी वाला देखकर पक्का चौंक जाएंगेमहेश मांजरेकर:1999 में महेश मांजरेकर ने जब वास्तव से डायरेक्टोरियल डेब्यू किया, तो हर कोई उनकी प्रतिभा का लोहा मानने लगा। तीन साल बाद ही 2002 में वो संजय गुप्ता की फ़िल्म कांटे में बतौर एक्टर नज़र आये, जिसमें उनके एक्टिंग स्किल्स ने हैरान कर दिया। इसके बाद महेश कई फ़िल्मों में एक्टिंग करते दिखायी दे चुके हैं। संजय लीला भंसाली की बाजीराव मस्तानी में महेश आख़िरी बार बतौर एक्टर पर्दे पर देखे गये।यह भी पढ़ें: Box Office पर रिलीज़ डेट के लिए घमासान, प्रोड्यूसर का गुणा-भाग देख हैरान रह जाएंगे