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आखिरकार झुका सेंसर बोर्ड, कहा सिर्फ रेफरेंस के लिए जारी की थी लिस्ट

सेंसर बोर्ड ने फिल्मों में 'अश्लील' शब्दों के प्रयोग को रोकने के लिए एक लिस्ट जारी की थी। लेकिन इस लिस्ट के जारी होते ही बवाल मच गया, जिसे देखते हुए सेंसर बोर्ड को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। बोर्ड ने सोमवार को इस लिस्ट को स्थगित रखने का फैसला

By Test1 Test1Edited By: Updated: Wed, 25 Feb 2015 04:06 PM (IST)
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मुंबई। सेंसर बोर्ड ने फिल्मों में 'अश्लील' शब्दों के प्रयोग को रोकने के लिए एक लिस्ट जारी की थी। लेकिन इस लिस्ट के जारी होते ही बवाल मच गया, जिसे देखते हुए सेंसर बोर्ड को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। बोर्ड ने सोमवार को इस लिस्ट को स्थगित रखने का फैसला किया। इसके बाद अब सेंसर बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रवण कुमार का एक महत्वपूर्ण बयान आया है कि यह लिस्ट सिर्फ रेफरेंस के लिए जारी की गई थी, न कि निर्देश देने के लिए।

जानकारों का कहना है कि इस लिस्ट पर चौतरफा विरोध को देखते हुए आखिरकार सेंसर बोर्ड को झुकना ही पड़ा और इसे खारिज करना पड़ा। श्रवण कुमार ने बताया, 'यह लिस्ट सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी द्वारा फिल्मकारों को रेफरेंस के लिए जारी किया गया था। '

कुमार ने बताया कि बोर्ड की पिछली मीटिंग में यह चर्चा की गई कि अश्लील शब्दों का प्रयोग रोकने के लिए क्या करने की जरुरत है। उस मीटिंग में यह तय किया गया कि इस मुद्दे पर अभी व्यापक विचार-बिमर्श की जरुरत है। साथ ही समाज के सभी तबकों की राय को जानना भी बहुत जरुरी है। इसलिए इसे लेकर अलग से एक मीटिंग बुलाई जाएगी।

गौरतलब है कि फिल्ममेकर्स को सेंसर बोर्ड ने 28 शब्दों की एक सूची यह कहते हुए थमाई थी कि ये शब्द अश्लील है और इनका प्रयोग फिल्मों में ना किया जाए।

लेकिन इस मुद्दे पर कई फिल्मी सितारों और फिल्मकारों ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसे देखते हुए सेंसर बोर्ड ने फिलहाल इस मामले से पल्ला झाड़ लेने का फैसला किया है।

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