सेंसर बोर्ड की मुखिया ने 'पीके' पर चुप्पी साधने के लिए सरकार पर साधा निशाना
सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने आमिर खान की फिल्म 'पीके' के विरोध पर चुप्पी साधे बैठी सरकार की कड़ी आलोचना की है। बोर्ड ने साफ किया है कि उन पर हिन्दू संगठनों की तरफ से फिल्म के विवादित सीन काटने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन
By rohit guptaEdited By: Updated: Wed, 31 Dec 2014 09:03 AM (IST)
मुंबई। सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन ने आमिर खान की फिल्म 'पीके' के विरोध पर चुप्पी साधे बैठी सरकार की कड़ी आलोचना की है। बोर्ड ने साफ किया है कि उन पर हिन्दू संगठनों की तरफ से फिल्म के विवादित सीन काटने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मामले में अभी तक कोई हस्तक्षेप नहीं किया है।
शाहरुख के साथ फोटो खिंचवाने के लिए सेंसर बोर्ड ने बदले नियम? सैमसन ने कहा कि सेंसर बोर्ड को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि इन हालात में मंत्रालय को आगे आना चाहिए। बोर्ड की अध्यक्ष ने कहा, 'सेंसर बोर्ड का काम सर्टिफिकेशन करना है, सेंसरशिप करना नहीं। अगर कोई सरकारी अधिकारी या सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता एक फिल्म के खिलाफ स्टैंड लेते हैं तो उन्हें केंद्र की तरफ से आवाज उठानी चाहिए और कड़ी नीतियां बनानी चाहिए।' सैमसन ने कहा कि सरकार इस मामले पर अभी तक चुप है। वो कहती हैं, 'मंत्रालय ने न ही मेरे सामने और न सेंसर बोर्ड के किसी भी अधिकारी के सामने इस मुद्दे को उठाया है। बल्कि वो इससे बच रहे हैं।'
बिना कट के पास हो गई मल्लिका की 'डर्टी पॉलिटिक्स' सैमसन ने कहा कि पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वादा किया था कि वो उनकी पैनल के लिए संवेदनशील मसलों के जानकारों की नियुक्ति करने की अनुमति देंगे लेकिन उन्होंने अपना वादा कभी पूरा नहीं किया। बोर्ड की अध्यक्ष ने कहा, 'फिल्में देखने वाले पैनल के सदस्यों पर पार्टी के लोगों का बहुत दबाव होता है। हमें दबाव का सामना करना पड़ना है। वो उन फिल्मों को ए सर्टिफिकेट देते हैं जो उन्हें पसंद नहीं आती।'