सेंसर बोर्ड नहीं चाहता आप Lipstick Under My Burkha देखें, आख़िर ऐसा क्या है फ़िल्म में
Lipstick Under My Burkha कुछ महिलाओं की ज़िंदगी को दर्शाती है, जो अपनी बेड़ियों और रूढ़ियों को तोड़कर ज़िंदगी के कुछ लम्हे अपने लिए जीना चाहती हैं।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Fri, 24 Feb 2017 10:09 AM (IST)
मुंबई। Lipstick Under My Burkha... ये टाइटल आपको कैची लग सकता है, मगर सेंसर बोर्ड को ये महिला प्रधान फ़िल्म इतनी ऑफ़ेंसिव लगी है, कि इसे सर्टिफिकेट देने से ही इंकार कर दिया है, जिसका मतलब ये है कि फ़िल्म रिलीज़ ही नहीं हो सकेगी।
प्रकाश झा के बैनर तले बनी 'लिपस्टिक अंडर माई बुरका' को अलंकृता श्रीवास्तव ने डायरेक्ट किया है। जनवरी में फ़िल्म की स्क्रीनिंग सीबीएफ़सी यानि सेंसर बोर्ड के लिए रखी गई थी। स्क्रीनिंग के बाद बोर्ड ने प्रकाश झा प्रोडक्शंस को बताया कि इस फ़िल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता और इसके पीछे कुछ वजह बताई हैं।बोर्ड द्वारा भेजे गए लेटर के मुताबिक़, फ़िल्म की कहानी महिला प्रधान है और इसमें ऐसे दृश्य हैं, जो फेंटेसी में लिपटे हैं और जिनमें सेक्स, गाली-गलौज और ऑडियो पॉर्नोग्राफी शामिल है। ये दृश्य समाज के एक तबके लिए काफी संवेदनशील हैं।इसे भी पढ़ें- पूजा भट्ट के साथ धोखाधड़ी, एजेंट बनकर पैसे ऐंठने का मामला
सेंसर बोर्ड के रवैए से हैरान मेकर्स ने सेंसर बोर्ड के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने का फ़ैसला किया है और फ़िल्म के ट्वीटर हैंडल से बोर्ड का लेटर सोशल मीडिया में शेयर किया है।
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डायरेक्टर अलंकृता ने सीबीएफ़सी के इस फ़ैसले को वुमन राइट्स पर हमला करार दिया है। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि हमारी फ़िल्म को सर्टिफिकेट देने से इंकार करना वुमन राइट्स पर हमला है। कहानियों में हमेशा महिलाओं के रोल को कम करके या उन्हें वस्तु की तरह दिखाकर पितृ-तंत्र को बढ़ावा दिया जाता रहा है। इसलिए उनके प्रभुत्व को चुनौती देने वाली लिपस्टिक अंडर माई बुरका जैसी फ़िल्मों को शिकार बनाया जाता है। ये महिलाओं का दृष्टिकोण दिखाती है। क्या महिलाओं के लिए फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन नहीं है।इसे भी पढ़ें- आमिर ख़ान के पीछे-पीछे ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान तक पहुंच गई उनकी दंगल गर्लउधर, सीबीएफ़सी के चीफ़ पहलाज निहलानी ने मेकर्स को फ़िल्म सर्टिफिकेशन एपेलेट ट्रिब्यूनल को भेजने की सलाह दी है, क्योंकि इसे एग्ज़ामिनिंग कमेटी और रिवाइज़िंग कमेटी ने भी सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया है।Lipstick Under My Burkha कुछ महिलाओं की ज़िंदगी को दर्शाती है, जो अपनी बेड़ियों और रूढ़ियों को तोड़कर ज़िंदगी के कुछ लम्हे अपने लिए जीना चाहती हैं। फ़िल्म में कोंकोणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, आहना कुमरा और प्लाबिता बोरठाकुर ने लीड रोल्स निभाए हैं।Thank you for all your support for #LipstickUnderMyBurkha against this ridiculous regressiveness. We won't be silenced. #CensorTheCensors pic.twitter.com/sBSSbx5FRy
— 💄 Under My Burkha (@LipstickMovie) February 23, 2017