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Chak De! Memory: शाह रुख़ मुझे बार-बार गोद में उठा रहे थे, सारी लड़कियां जल रही थीं- चित्राशी रावत

चित्राशी बताती हैं कि उस वक़्त वह 16 साल की थीं, जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। 'चक दे...' की यादें उनके साथ हमेशा रहेंगी।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Wed, 09 Aug 2017 10:08 PM (IST)
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Chak De! Memory: शाह रुख़ मुझे बार-बार गोद में उठा रहे थे, सारी लड़कियां जल रही थीं- चित्राशी रावत
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। 'चक दे! इंडिया' के दस साल 10 अगस्त को पूरे होने जा रहे हैं। शाह रुख़  ख़ान की बेहतरीन फिल्मों में से एक रही है 'चक दे इंडिया'। हॉकी के विषय पर बनी ये बेहतरीन फ़िल्म थी। इसी बहाने इस फ़िल्म में कोमल का अहम किरदार निभा चुकीं चित्राशी रावत 'चक दे इंडिया' के दस ख़ास लम्हों को याद कर रही हैं-

चित्राशी बताती हैं कि उस वक़्त वह 16 साल की थीं, जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। 'चक दे...' की यादें उनके साथ हमेशा रहेंगी।

1. जब शाह रुख़ लेकर आये बिगनर हॉकी स्टिक, लड़कियों की छूटी हंसी

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चित्राशी बताती हैं कि हमारी पूरी लड़कियों की टीम ने इस फ़िल्म के लिए रियल में हॉकी की प्रैक्टिस की थी। लगभग छह महीने तक हमने किया था। काफी मज़ेदार था वह मोमेंट। जब शाह रुख़ सर पहली बार हॉकी स्टिक लेकर मैदान में आये थे, क्योंकि मुझे तो इस बारे में अच्छे से जानकारी थी कि यह बिगनर स्टिक है। मैं चूंकि शुरू से हॉकी खेलना जानती थी। इसलिए मेरे लिए यह ख़ास मोमेंट रहा था। मुझे इस बात का सबसे ज्यादा फायदा मिलता रहा था कि मैं टीम में सबसे छोटी थी तो मैं शाह रुख़ के साथ मस्ती मज़ाक कर लेती थी, मैंने उन्हें उस वक़्त भी बिंदास जाकर बोल दिया था कि सर आपको बिगनर वाली हॉकी स्टिक मिली है, तो उन्होंने भी मज़े लेकर कहा, चल खेल के दिखा। हम लोग ऑफ़ स्क्रीन टीम बनाकर खेलते थे। मैं उनकी टीम में होती थी और मुझे ही कैप्टन बना देते थे।

2. शाह रुख़ की मास्टर क्लास, ग्लिसरीन बिना कैसे आये आंसू

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चित्राशी बताती हैं कि सिर्फ़ फ़िल्म में ही नहीं, बल्कि रियल लाइफ में भी सेट पर उन्होंने शाह रुख़ से एक्टिंग की क्लासेज ली थीं। शाह रुख़ सर ने ही हमें सिखाया था कि कभी भी रोने वाले सीन के लिए ग्लिसरीन का इस्तेमाल ना करें, सर नहीं करते हैं। उन्होंने हमेशा कहा कि अपने इमोशन पर ध्यान दो। उन्होंने एक टिप्स भी दिया था कि अपनी आंखों से ऊपर की तरफ देखो और फिर दोनों हाथों की उंगलियों से उसे मलो। ऐसा करने से लगेगा कि आपकी आंखों में आंसू आ गए हैं। चित्राशी कहती हैं कि वह शाह रुख़ का दिया यह गुरुमंत्र आज भी फॉलो करती हैं।

3. यश चोपड़ा और पामेला ने रिलीज़ से पहले करवाया गुरुद्वारे में दर्शन

चित्राशी बताती हैं कि इस फिल्म की रिलीज़ से पहले हमें यश अंकल और पामेला आंटी ठीक उसी तरह गुरुद्वारे में दर्शन कराने ले गए थे, जैसे प्लेयर्स जाते हैं। रास्ते में सभी को प्यार से समझाया था. सबको ब्लेसिंग दी थी कि सभी ने अच्छा काम किया है। चित्राशी बताती हैं कि यश अंकल इस बात के लिए पूरे इंतज़ाम रखवाते थे कि हमारे खाने-पीने में कोई कमी ना रह जाए।

4. शाह रुख़ को करवाया इंतज़ार

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हम लोग उस वक़्त ऑस्ट्रेलिया में शूटिंग कर रहे थे, उसी वक़्त डॉन रिलीज़ हुई थी तो शाह रुख़ सर ने हम लोगों के लिए प्राइवेट स्क्रीनिंग रखी थी, तो हम लोग सारी लड़कियां उस दिन अपनी बेस्ट ड्रेस और मेकअप करके गए थे, ठीक वैसा ही जैसा फ़िल्म में दिखाया गया है। वजह थी कि शाह रुख़ सर ने बुलाया है. इस चक्कर में हमें देरी हो गई थी। शाह रुख़ सर स्क्रीन के बाहर हमारा इंतज़ार कर रहे थे। इसी फ़िल्म के दौरान हम फिर शाह रुख़ सर के साथ पब में गए थे। मैं उस वक़्त 16 की थी और मुझे एंट्री नहीं मिल रही थी। सबको लग रहा था, मैं 16 की भी नहीं 14 की हूं।

5. हॉकी का मैदान बन जाता था फुटबॉल का मैदान

हम लोग इस फ़िल्म की शूटिंग जब ऑस्ट्रेलिया में कर रहे थे। जब शूटिंग ख़त्म होती थी तो हर दिन शाम में वही हॉकी का मैदान हमारे लिए फुटबॉल मैच का ग्राउंड बन जाता था। शाह रुख़ सर काफी अच्छा फुटबॉल खेलते हैं, तो हम लोग सभी हॉकी से फुटबॉल खेलने लग जाते थे। इसी बहाने हम इसमें भी एक्सपर्ट हो गए थे।

6. जब शाह रुख़ ने उठाया गोद में, हो रहे थे रीटेक्स, जल रही थीं लड़कियां

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एक सीन में चित्राशी को शाह रुख़ गोद में उठाते हैं। इस सीन में कई रीटेक्स हो रहे थे और चित्राशी की टीम की सारी लड़कियां उनसे जल रही थीं। चूंकि रोमांटिक किंग के साथ उन्हें बार-बार रीटेक्स देने के मौके मिल रहे थे. इस सीन के लगभग 14 रीटेक्स हुए थे।

7. ऑफ़स्क्रीन कोमल-सागरिका में थी दोस्ती

चित्राशी बताती हैं कि ऑफ़स्क्रीन तो हम में काफी दोस्ती थी। सागरिका के साथ मैं अधिक वक़्त बिताती थी और हम सभी काफी मस्ती करते थे। मुझे याद है, हमें अगर भूख लगे और खाने को कुछ ना हो तो शाह रुख़ सर हमें काजू देते थे।

8. जब शाह रुख़ ने की नर्वस होने की एक्टिंग

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शाह रुख़ इस बात में माहिर हैं कि वह अपने को-स्टार्स को हमेशा सहज कर देते हैं। इस फ़िल्म के दौरान भी सारी लड़कियां अपने डायलॉग याद करके गई थीं, कि हम सब उनके सामने नर्वस ना हो जाएं, लेकिन शाह रुख़ सर आये और वह हमारे साथ जान-बूझकर ठहरकर डायलॉग भूलने की एक्टिंग कर रहे थे कि हम सहज हो जायें। हम सबको पहले दिन से ही उन्होंने दोस्त जैसा व्यवहार किया था और कहा था कि नए लोगों के साथ नया सीखने का मौक़ा मिलता है। शाह रुख़ ने सारी लड़कियों से कहा था, आप जब नए होते हैं बेस्ट देते हैं. इसलिए अपना बेस्ट दीजिये।

9. जब चोट लगने पर शाह रूख़ रखते थे ख़ास ख्याल

पूरी फ़िल्म के दौरान जब भी हमें कोई चोट लगती थी, शाह रुख़ सर सभी से मिलते और उन्हें तरह-तरह के नुस्खे बताते थे। मुझे मेरे गर्दन में चोट आयी थी और उन्होंने ख़ुद आकर मुझे मसाज दिया था।

10. शिमित अमीन के साथ अनुभव

शिमित अमीन को हमने सेट पर कभी गुस्से में नहीं देखा था। उनकी परवरिश अमेरिका में हुई है, तो उन्हें हिंदी अधिक आती नहीं थी। वह जो भी हिंदी बोलते थे, उन्होंने रिक्शावालों से सीखी थी, तो जब वह हिंदी बोलते थे, काफी मजा आता था। वह कम बोलते थे और शूट ख़त्म होने के बाद हमेशा कोने में जाकर अगले दिन के शूट की तौयारी करते थे।