Exclusive: मिर्जा-साहिबा के साथ बनी है किसकी मजार, दलेर मेहंदी ने खोला राज़
दलेर ने फिल्म के संगीत में योगदान देने के साथ पंजाबी शब्दों के उच्चारण में डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की मदद की।
By Manoj KumarEdited By: Updated: Tue, 27 Sep 2016 04:34 PM (IST)
मुंबई। राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'मिर्जिया' मोहब्बत की उन कहानियों में शामिल है, जो पंजाब की धरती से निकली हैं। इन कहानियों में जहां इश्क की इबादत है, वहीं कुछ ऐसे राज़ भी छिपे हैं जो दर्शकों को रोमांचित कर देते हैं। ऐसे ही एक राज़ के बारे में बताया सिंगर दलेर मेहंदी ने, जिन्होंने फिल्म के संगीत में अपना योगदान दिया है।
दलेर खुद पंजाब से हैं, लिहाजा मिर्जा और साहिबा की कहानी से वो अधिक राब्ता रखते हैं। दलेर मेहंदी का कहना है कि मिर्जा साहिब की प्रेम कहानी में एक घोड़ी वाली बग्घी की अहम् भूमिका रही है, क्योंकि उस बग्घी में दोनों की जान बसी होती है। फिल्म की कहानी में साहिबा के भाई मिर्जा को मारने पहुंचते हैं, तो बाघी (घोड़ी) जोर-जोर से चिल्लाने लगती है, ताकि नींद में सोया हुआ मिर्जा उठ जाये। दलेर ने बताया कि इसकी जानकारी कम लोगों को है कि पाकिस्तान में मिर्जा और साहिबा के साथ घोड़ी की भी मजार बनी हुई है और उनको वहां प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इलियाना डिक्रूज इसलिए नहीं बनीं एमएस धोनी की बीवी दलेर के मुताबिक फिल्म के गानों में कई बार बग्घी का जिक्र इसी वजह से है। दलेर ने फिल्म के संगीत में योगदान देने के साथ पंजाबी शब्दों के उच्चारण में डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की मदद की। दलेर बताते हैं, कि राकेशजी इसे बग्गी कह रहे थे। फिर मैंने कहा बग्घी होगा।
इस बेंच में ऐसा क्या है कि आज तक नहीं भूले धोनी दलेर कहते हैं कि राकेश जी यह बात अच्छी है कि वह सीखने की कोशिश करते हैं। हर किसी की बात सुनते हैं। कई जगह मैंने उच्चारण ठीक करने को कहा तो वे खुश हो जाते थे। ऐसे लोगों के साथ काम करके आप काफी कुछ सीखते हो। राकेश ने इस फिल्म की कहानी लिखने से पहले ही संगीत पर काम शुरू कर दिया था। 'मिर्जिया' 7 अक्टूबर को रिलीज हो रही है।