Exclusive: दिलजीत ने तोड़ी चुप्पी, कहा- डेब्यू अवॉर्ड के लायक़ हूं, इसलिए मिला
दिलजीत यह भी बताते हैं कि पंजाब में वह एक मात्र स्टार नहीं , जो एक्टिंग के साथ-साथ सिंगिंग भी करते हो, बल्कि वह तो अपने बाकी दोस्तों से सीखने की कोशिश कर रहे हैं।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Wed, 25 Jan 2017 07:38 PM (IST)
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। 'उड़ता पंजाब' फेम दिलजीत दोसांझ इन दिनों कलर्स के शो राइजिंग स्टार्स में जज बनकर नज़र आने वाले हैं। ऐसे में यह हिंदी टेलीविजन पर उनका पहला शो है। उड़ता पंजाब के बाद उनकी लोकप्रियता हिंदी भाषी फैंस के बीच भी बढ़ी है, लेकिन दिलजीत इस स्टारडम को खुद पर हावी नहीं होने देते।
यह पूछे जाने पर कि शो में और भी दो जज शंकर महादेवन और मोनाली ठाकुर भी हैं, लेकिन चर्चा सबसे अधिक उनकी ही है। दिलजीत इस बात पर अपनी स्पष्ट राय रखते हुए कहते हैं कि ये दोनों ही सीखे हुए महारथी लोग हैं। मैंने तो बहुत तालीम नहीं ली है। इसलिए कुछ भी हो जाये। उनसे पीछे ही रहूंगा। यही नहीं उन्होंने यह भी साफ़ किया कि उनका इरादा किसी को भी नज़रअंदाज़ करना नहीं है। दिलजीत को भले ही उड़ता पंजाब के बाद लगातार अवार्ड भी मिल रहे हैं, लेकिन उनके लिए उनका पहला प्यार तो म्यूजिक ही हैं। इसे भी पढ़ें- एक्शन फ़िल्मों से ऊब चुके हैं ख़तरों के खिलाड़ी बकौल दिलजीत आज जो कुछ भी हूं, संगीत की वजह से ही हूं। इसको नहीं छोड़ सकता। वही पहला प्यार रहेगा। दिलजीत यह भी बताते हैं कि पंजाब में वह एक मात्र स्टार नहीं , जो एक्टिंग के साथ-साथ सिंगिंग भी करते हो, बल्कि वह तो अपने बाकी दोस्तों से सीखने की कोशिश कर रहे हैं। इन दिनों, दिलजीत अपने सिंगल्स पर काम कर रहे हैं। दिलजीत ने बताया कि उन्होंने उड़ता पंजाब को हां एक खास वजह से कही थी।
इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान में इंडियन फ़िल्मों पर लगा बैन ख़त्म, काबिल और रईस होंगी रिलीज़ वजह यह थी कि फ़िल्म की स्क्रिप्ट जब उन्हें मिली थी तो फ़िल्म में उनका एक छोटा भाई रहता है, जो नशे की चपेट में आ जाता है। रियल लाइफ में भी उनका एक छोटा भाई है और वह चाहते थे कि उनका छोटा भाई ये फ़िल्म देख कर इंस्पायर हो और कभी नशा ना करे। इसलिए उन्होंने तुरन्त फ़िल्म को हां कह दिया। फिल्मफ़ेअयर अवार्ड को लेकर हर्षवर्धन कपूर द्वारा बेस्ट डेब्यू के अवार्ड को लेकर हो रहे ट्वीट वॉर के बारे में उन्होंने बस इतना ही कहा कि अवॉर्ड के लायक हूं तो दिया। इससे ज्यादा उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।