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आलिया को इमेज बिल्डिंग की जरूरत पड़ी

मुंबई। हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां साधारण को विशेष और विशेष को अतिसाधारण मानने और समझने का दौर चल रहा है। महेश भट्ट की सुपुत्री आलिया भट्ट फिल्मों में कैमरे के आगे आ चुकी हैं। अभी तक आई उनकी हर फिल्म सफल रही है। उन्हें सराहना भी मिली है। नई पीढ़ी की अि

By Edited By: Updated: Sat, 06 Sep 2014 02:33 PM (IST)
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मुंबई। हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां साधारण को विशेष और विशेष को अतिसाधारण मानने और समझने का दौर चल रहा है। महेश भट्ट की सुपुत्री आलिया भट्ट फिल्मों में कैमरे के आगे आ चुकी हैं। अभी तक आई उनकी हर फिल्म सफल रही है। उन्हें सराहना भी मिली है। नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों में अपनी अदायगी से ज्यादा ताजगी की वजह से उन्हें पसंद किया जा रहा है। बतौर अभिनेत्री अभी उन्हें मुश्किल भूमिकाएं नहीं मिली हैं। हर नई अभिनेत्री आरंभ की कुछ फिल्मों में अपने कच्चेपन के बावजूद स्वाभाविक लगती है। उसकी अकेली वजह यही है कि उन भूमिकाओं में हम उन्हें पहली बार देखते समय कुछ नयापन महसूस करते हैं। सामान्य लड़के-लड़की को भी सजा-संवार कर पर्दे पर पेश कर दें, तो वह अभिभूत करेगा या करेगी। यकीन न हो, तो आप अपनी जवानी की तस्वीरें देख लें। उन में आप किसी अभिनेता-अभिनेत्री से कम नहीं लगते। नवोदित प्रतिभाओं की परीक्षा चौथी-पांचवीं फिल्म से आरंभ होती है। तब उन्हें किरदार के अनुरूप ढलना होता है। उस समय तक अपने स्वाभाविक अंदाज में वे किरदार में दिखना बंद कर देते हैं। उन्हें सचमुच अभिनय करना पड़ता है।

कुछ समय पहले आलिया करण जौहर के शो में गई थीं। यह शो करण जौहर ने 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' के तीनों नए कलाकारों को लेकर बनाया था। इस शो में सामान्य ज्ञान के सवालों के जवाब देते समय आलिया ने देश के राष्ट्रपति का नाम पृथ्वीराज चौहान बता दिया था। इसे उनकी मंदबुद्धि से जोड़ का सोशल मीडिया पर लतीफों का रेला सा आ गया। हर तरफ उनकी हंसी उड़ाई जा रही थी। चूंकि वे महेश भट्ट की बेटी हैं, इसलिए वे ज्यादा निशाने पर आ गई। निश्चित ही इससे उनकी चढ़ती-बढ़ती इमेज को झटका लगा। वैसे सामान्य ज्ञान की परीक्षा ली जाए, तो अनेक सितारे उसमें अनुत्तीर्ण हो जाएंगे। सितारों के लिए यह जरूरी शर्त भी नहीं है। उनकी लोकप्रियता में इस वजह से कोई आंच भी नहीं आती। आलिया और उनके परिवार ने चल रहे इस मखौल को गंभीरता से लिया। दोस्तों और शुभचिंतकों की मदद से उन्होंने यूट्यूब के पॉपुलर चैनल पर 'जीनियस ऑफ द ईयर' वीडियो स्केच डाला। इस वीडियो स्केच में आलिया बुद्धि संव‌र्द्धन की क्लास करती हैं और फिर से करण जौहर के सवालों के जवाब देती हैं। जवाब में अपने ज्ञान से वे करण जौहर को हतप्रभ कर देती हैं। इस वीडियो स्केच की सभी ने तारीफ की। कहा गया कि आलिया ने खुद पर हंसने का साहस दिखाया।

ऊपरी तौर पर खुद का मजाक करता हुआ यह वीडियो स्केच साहसी प्रयास लगता है। गौर करें, तो पाएंगे कि यह गलत जवाब से हुए इमेज के नुकसान के भरपाई के लिए किया गया सचेत प्रयास है। हाल-फिलहाल में ऐसा कोई दूसरा पीआर एक्सरसाइज देखने को नहीं मिलता। आलिया के दोस्तों और परिवार के सदस्यों ने एक ही झटके में उनके प्रति दृष्टिकोण बदल दिया। कहा जा रहा है कि आलिया खुद पर हंस सकती है। वह साहसी है। यहां साहस के भाव का प्रत्यारोपण सही नहीं है। सभी ने मिल कर आलिया की छवि को सकारात्मक और उज्ज्वल करने की सफल कोशिश की। गलत जवाब से जो दाग लगे थे, उसे धोने में एक हद तक वे कामयाब रहीं। इस वीडियो स्केच को करण जौहर कैंप के एक निर्देशक ने डायरेक्ट किया। वीडियो में करण जौहर ने खास भूमिका निभाई। साथ ही भट्ट परिवार भी इस वीडियो में शामिल हुआ। आलिया की वजह से आए कथित पारिवारिक संकट को उन्होंने मिलकर टाला। अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा भी इस वीडियो स्केच में नजर आए। कुल मिलाकर यह एक इनसाइडर की इमेज की क्षतिपूर्ति का प्रयास है। यही इंडस्ट्री आउटसाइडर विद्या बालन की भूल और कंगना रनौत की सीमा पर हंसती और खिल्ली उड़ाती है। आउटसाइडर और इनसाइडर के प्रति फिल्म इंडस्ट्री के रवैए का फर्क भी हमारी समझ में आना चाहिए। हमें फिल्म इंडस्ट्री की इस भेदनीति पर भी गौर करना चाहिए।

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