Exclusive: हिंदी मीडियम, अंग्रेजी वालों के खिलाफ मोर्चा नहीं है - इरफ़ान
इरफ़ान ने कहा कि विदेशों में सीरीज़ का कल्चर है तो यहां की अभिनेत्रियां कैरेक्टर निभाने में माहिर होती हैं।
By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Tue, 09 May 2017 03:41 PM (IST)
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। इरफान खान की फिल्म हिंदी मीडियम जल्दी ही रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म के टाइटल को लेकर इरफ़ान ने साफ़ कर दिया है कि हिंदी मीडियम का मतलब अंग्रेजी मीडियम के खिलाफ को मोर्चा खोलना नहीं है।
एक बातचीत में इरफ़ान ने कहा कि उन्हें यह बात बुरी नहीं लगती कि आप अंग्रेजी भाषा में पारंगत हों। उनका बस उद्देश्य यह है कि लोगों के जेहन में जो यह बात बैठ गयी है कि अंगेरजी नहीं आती तो आप कहीं के नहीं हैं, यह गलत है। आप में वह बात नहीं या आप जानकार नहीं, यह कहना ठीक नहीं। इरफान का कहना है कि यह समाज में होता आया है। यह परेशानी कई सदियों से है। राजघरानों से है। हमारी दिक्कत यह है कि हमें हमेशा लेने की आदत रही है. फिर चाहे वह मीडिया मॉडल हो, डेवलपमेंट मॉडल हो, बिजनेस मॉडल हो। सबकी नींव वही से है। यह कहानी पांच साल पहले आये तब भी या बाद में आये तब भी हमेशा रिलेवेंट ही रहेगी। इरफान का कहना है कि अंगरेजी सीखिये, लेकिन अपनी भाषा पर भी भरोसा रखिये।यह भी पढ़ें:क्या बिना पैसे के आमिर खान के साथ काम करेंगी फातिमा शेख
सबा के किरदार के बारे में इरफान बताते हैं कि उन्होंने अब तक ब्रिटिश, अमरीकी, जापानी, स्पेनिश और पाकिस्तानी अभिनेत्रियों के साथ काम किया है और मजेदार अनुभव यह रहता है कि इन देशों में सीरीज़ का कल्चर है तो यहां की अभिनेत्रियां कैरेक्टर निभाने में माहिर होती हैं। उनकी अपनी कोई हिरोइन वाली इमेज नहीं होती इसलिए बहुत सलीके से किरदारों में ढल जाती हैं। सबा को हमने भी न्योता भेजा था उन्होंने फिल्म में काम कर अपने रोल के साथ न्याय किया है।