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ये क्या बोल गए कमल हसन - "...बिरयानी पर भी बैन लगा दो'

उन्होंने जल्लीकट्टू को स्पेन के फेमस बुल-फाइटिंग खेल के सामान बताये जाने को भी गलत ठहराते हुए कहा कि स्पेन में बैलों की लड़ाई में जान जाती है लेकिन तमिलनाडु में बैलों को भगवान का दर्जा दिया जाता है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Tue, 10 Jan 2017 07:57 AM (IST)
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मुंबई। कमल हसन कभी भी अपनी बातों को खुल कर कहने से हिचकिचाते नहीं हैं , फिर चाहे उनकी बात को लेकर कितना भी बड़ा बवाल हो। अब कमल हसन ने बैलों की परंपरागत दौड़ ' जल्लीकट्टू ' को लेकर कड़ा बयान दिया है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु की फेमस ' जल्लीकट्टू ' परम्परा पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगा दिया था। सोमवार को एक इंटरव्यू में कमल हसन ने कहा कि जिन्हें भी लगता है कि ये परंपरा जानवरों के खिलाफ क्रूरता है , उन्हें बिरियानी पर भी प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। कमल ने बताया कि वो जल्लीकट्टू के बहुत बड़े फैन हैं और कई बार बैलों की दौड़ के इस उत्सव में हिस्सा ले चुके हैं। कमल हसन ने इससे पहले भी कई बार जल्लीकट्टू पर बैन लगाए जाने का विरोध किया है। उन्होंने जल्लीकट्टू को स्पेन के फेमस बुल-फाइटिंग खेल के सामान बताये जाने को भी गलत ठहराते हुए कहा कि स्पेन में बैलों की लड़ाई में जान जाती है लेकिन तमिलनाडु में बैलों को भगवान का दर्जा दिया जाता है।

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साल 2014 सुप्रीम कोर्ट ने पशु क्रूरता बताते हुए परंपरागत खेल पर बैन लगा दिया था। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबन्ध के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पुरानी परंपरा होने का मतलब उसका क़ानून सम्मत होना नहीं है।