कंगना यानी 'जंगली फूल'
अभिनेत्री कंगना रनौत अलग तरह की भूमिकाएं करने के लिए मशहूर हैं। उन्होंने कई बोल्ड व बिंदास किरदार भी निभाए हैं। आउटसाइडर होने के बावजूद उनमें उतना साहस कहां से आया? कंगना कहती हैं, 'मैं बचपन से ही काफी बोल्ड थी। मेरी अपनी राय होती थी। मेरी सोच सबसे अलग थ्
मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत अलग तरह की भूमिकाएं करने के लिए मशहूर हैं। उन्होंने कई बोल्ड व बिंदास किरदार भी निभाए हैं। आउटसाइडर होने के बावजूद उनमें उतना साहस कहां से आया? कंगना कहती हैं, 'मैं बचपन से ही काफी बोल्ड थी। मेरी अपनी राय होती थी। मेरी सोच सबसे अलग थी। अगर सब राइट जाते थे, तो मैं लेफ्ट जाती थी। मैं भेड़चाल में यकीन नहीं रखती हूं। इंडस्ट्री में भी मैंने कभी यह ध्यान नहीं दिया कि कौन-सी ऐक्ट्रेस क्या कर रही है। मैं जो भी सोच लेती हूं, वही करती हूं। उसका अंजाम जो हो, उसकी जिम्मेदार भी मैं खुद को मानत हूं। यह रवैया मेरा शुरू से ही था।'
महेश भट्ट ने तो कंगना को वाइल्ड फ्लॉवर का खिताब दिया था। उस पर कंगना कहती हैं, 'वह खिताब मुझे करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने दिया था। वजह यही थी कि मैं उन दिनों मुंहफट थी। बचपना कूट-कूट कर भरा था। मैं हिमाचल से आई थी। मुझे बात करने के तौर-तरीके नहीं मालूम थे। मैं एकदम रॉ थी। महेश जी ने उसे ताड़ लिया। मेरे व्यवहार और अन्य चीजों को कॉम्पिलिमेंट करते हुए। वे मुझे वाइल्ड फ्लॉवर यानी जंगली फूल कहते थे। मेरा वैसा व्यवहार इसलिए हुआ करता था, क्योंकि बचपन में मैं बहुत गुस्सैल थी। अपनी मन मर्जी का काम करने वाली लड़की थी। जब जो दिल करता, वह करने लगती। यहां तक कि शूटिंग से दिल भर जाता, तो सीधा पैक अप कह देती थी। अब थोड़ी शांत, संयत हुई हूं। अब ऐसा नहीं है। सेट पर समय से पहुंचना व आखिर तक रहना मेरा शगल बन चुका है।'