कंगना को बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड, फाल्के लेने नहीं आ सके शशि कपूर
हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेताओं में शुमार शशि कपूर अस्वस्थता के चलते रविवार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने नहीं आ सके। इससे पहले उनके बड़े भाई राज कपूर को जब 1987 में यह पुरस्कार दिया गया था तो अस्वस्थता के चलते वे मंच पर नहीं चढ़ सके थे। तत्कालीन
By Sachin kEdited By: Updated: Mon, 04 May 2015 06:18 AM (IST)
नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेताओं में शुमार शशि कपूर अस्वस्थता के चलते रविवार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने नहीं आ सके। इससे पहले उनके बड़े भाई राज कपूर को जब 1987 में यह पुरस्कार दिया गया था तो अस्वस्थता के चलते वे मंच पर नहीं चढ़ सके थे। तत्कालीन राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण को मंच से नीचे आकर उन्हें पुरस्कार देना पड़ा था। अब शशि कपूर को मुंबई में उनके आवास पर भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान दिया जाएगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को यहां आयोजित एक रंगारंग समारोह में 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर 77 वर्षीय शशि कपूर को खासतौर से बधाई दी। उन्होंने कहा कि कपूर ने भारतीय फिल्म जगत को अपना अमूल्य योगदान दिया। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। समारोह में बॉलीवुड की 'क्वीन' कंगना रनोत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। उन्होंने दूसरी बार यह पुरस्कार जीता है। इससे पहले 'फैशन' फिल्म के लिए उन्हें यह पुरस्कार मिला था। कन्नड़ फिल्म 'नानू अवनाला अवलू' में दमदार किरदार निभाने के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार विजय को दिया गया। सुखविंदर सिंह को फिल्म हैदर के लिए श्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक व तमिल फिल्म सैवम के लिए उत्तरा उन्नीकृष्णन को श्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार मिला।इस वर्ष फीचर फिल्म की श्रेणी में 45 पुरस्कार व गैर फीचर फिल्म की श्रेणी में 21 पुरस्कार दिए गए। समारोह में विजेताओं के साथ ही कई स्थानीय भाषाओं की फिल्मी हस्तियों ने शिरकत की। कार्यक्रम में फिल्म हैदर की धूम रही। इस फिल्म के महत्वपूर्ण अंशों को दिखाया भी गया।कंगना रनौत ने बिखेरा जलवा
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में बालीवुड की 'क्वीन' कंगना रनोत ने अपने आकर्षक परिधान से सबका मन मोह लिया। 28 वर्षीय रनोत ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार लेते समय हल्का नोकदार लहंगा पहन रखा था, जो समारोह में सबसे अलग दिख रहा था। उन्होंने समारोह में शिरकत करने के लिए पारंपरिक पोशाक का इस्तेमाल नहीं किया। इसके बदले उन्होंने फैशन का अलग अंदाज पेश किया, जो सबका मन मोहने में सफल रहा। पढ़ेंः बचपन में टीवी तोड़ना चाहती थीं कंगना