एसिड अटैक की शिकार कंगना की बहन ने बयां किया वो दर्दनाक अनुभव
एसिड अटैक का शिकार हुईं बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट की बहन यानि रंगोली रनोट की कहानी भी प्रेरणादायक होने के साथ-साथ इस तरह के गंभीर अपराधों के खिलाफ इरादों को और भी मजबूत बनाने वाली है।
नई दिल्ली। महिला दिवस के मौके पर मंगलवार को एक बार फिर महिलाओं की समस्याओं, चुनौतियों पर चर्चा के साथ उनके आगे बढ़ने के हौसले और साहस को देश भर में सलाम किया गया। एसिड अटैक का शिकार हुईं बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट की बहन यानि रंगोली रनोट की कहानी भी प्रेरणादायक होने के साथ-साथ इस तरह के गंभीर अपराधों के खिलाफ इरादों को और भी मजबूत बनाने वाली है।
2006 में हुईं एसिड अटैक का शिकार
अब तक कैमरे के पीछे सक्रिय रहने वालीं रंगोली पहली बार अपनी बहन कंगना के साथ एक मैगजीन के कवर पेज पर स्टाइलिश लुक में नजर आई हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने उस भयानक अनुभव और दर्द को भी विस्तार से साझा किया है, जिसे जानकर आप के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। रंगोली को 2006 में एसिड अटैक का शिकार होना पड़ा था। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया कि अगर एसिड अटैक से पीड़ित व्यक्ति का समय पर इलाज नहीं किया गया तो इंफेक्शन के कारण शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो जाते हैं। इसलिए समय रहते इलाज कर इंफेक्शन को रोका जा सकता है। वरना एसिड पीड़ित के अंगों को नुकसान पहुंचा देता है।
लगभग एक आंख व ब्रेस्ट हो चुका है खराब
रंगोली ने बताया, 'मेरी एक आंख की नब्बे फीसदी रोशनी चली गई है। मेरा एक ब्रेस्ट खराब हो चुका है और यह सब तब हुआ, जब मुझे देश में उपलब्ध सबसे बेहतर इलाज मिला। एसिड अटैक कोई नियमित होने वाला हादसा नहीं है। जब मेरे साथ ऐसी घटना हुई तो मुझे सांस लेने में काफी समस्या आ रही थी, क्योंकि श्वास नली सिकुड़ चुकी थी। मैं उस समय सिर्फ चेहरे के दाग-धब्बों के बारे में ही सोचा करती थी। मैं अगले तीन महीनों तक आईने के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सकी थी। मैं अंदर तक हिल चुकी थी। भोजन नली और श्वास नली काफी क्षतिग्रस्त होने के कारण मैं जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही थी। मैं अस्पताल में भर्ती थी और उस समय कई ऑपरेशन का सामना किया। हर दिन मुझे अलग-अलग ऑपरेशन के लिए ले जाया जाता था।'
प्लास्टिक सर्जरी नहीं है इतनी आसान
रंगोली के मुताबिक, प्लास्टिक सर्जरी इतनी आसान नहीं है। यह आपको नया चेहरा नहीं देती। मेरी जांघों से स्किन निकाल कर दूसरी जगह लगाई गई। 57 सर्जरी हुई। शारीरिक दर्द के साथ 23 की उम्र में मानसिक तनाव दर्दनाक था। उस वक्त कंगना संघर्ष कर रही थी। वह मुझे यहां ले आई। माता-पिता मेरा दर्द देख नहीं पा रहे थे।'
कंगना चाहती थीं सामने आएं रंगोली
कंगना चाहती थीं कि रंगोली सामने आएं और इस बारे में खुलकर बात करें। मगर उन्हें नहीं पता था कि रंगोली के सामने वो किनका उदाहरण पेश करें। कंगना के मुताबिक, हमें अपने बच्चों को बताने की जरूरत है कि जो ऐसी घृणित हरकतें करते हैं, वो हमारे हीरो नहीं हो सकते हैं।