सुशांत सिंह राजपूत को 'एमएस धोनी बनाना' आसान ना था: किरण मोरे
विकेट कीपिंग क्रिकेट के कठिन सुरों में से एक है। हर प्लेयर अच्छा विकेट कीपर नहीं बन सकता। धोनी विकेट कीपर हैं तो जाहिर सी बात है कि सुशांत सिंह राजपूत को भी काफी मेहनत की है।
By Manoj KumarEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2016 07:52 PM (IST)
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। लगातार कई लोग इस बात पर अपनी नकारात्मक प्रक्रिया भी दे रहे हैं कि आखिर धोनी पर क्यों फिल्म बननी चाहिए। इन सवालों के जवाब में पूर्व विकेट कीपर व बीसीसीआई की सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन किरण मोरे बताते हैं कि क्यों धोनी विश्व के अन्य कप्तानों से अलग हैं।
किरण ऑफस्क्रीन धोनी और ऑनस्क्रीन धोनी दोनों के अंदाज़ की ख़ास बातें बताते हैं। किरण मोरे ने ही रियल लाइफ धोनी को विकेट कीपिंग में प्रशिक्षित किया है और रील लाइफ के लिए भी सुशांत सिंह राजपूत को उन्होंने ही तैयार किया है।रियल धोनी-लंबे वालों वाला राउडीअभिजीत ने करण जौहर और महेश भट्ट के लिए किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल
किरण मोरे बताते हैं कि धोनी से पहले क्रिकेट की दुनिया में कोई भी लगभग हर किसी के बाल बिल्कुल छोटे रहते थे। लेकिन धोनी के स्टाइल को देख कर ही लगा कि कोई अलग आया है। उसके बड़े बाल, एकदम स्टाइलिश थे। जैसा खेल रहा था, वैसा दिख भी रहा था। रफ एंड टफ। जब वह बैटिंग करता और उसके बाल हिलते थे। एक अलग ही पर्सनालिटी नजर आती थी उसकी। एकदम राउडी माफिक। उससे कोई अट्रेक्ट हुए बिना रह ही नहीं सकता।छोटे शहर से आया कैप्टन कूल
इंतजार खत्म... रिलीज होने वाला है ऐ दिल है मुश्किल का ट्रेलर अब तक भारत में जितने भी कप्तान हुए, सारे बड़े शहर से आये थे। धोनी छोटे शहर से आये और छा गए। हां, उन्हें हमेशा अपना रुट याद रहा। आप क्रिकेट के मैदान में उन्हें खेलते हुए देखें। आप देखेंगे कि धोनी में वह खूबी है कि वह लोगों के बॉडी लैंग्वेज को पकड़ना जानते हैं। खिलाडी के चलने के तरीके से वे पकड़ लेते हैं कि वह कौन सी चाल चलेगा। बॉडी लैंग्वेज भांपने में गजब के माहिर हैं धोनी। मैंने अपनी जिंदगी में कम ऐसे लीडर देखे हैं,जो जीतने पर पीछे हो जाते हैं और हारने पर आगे रहते हैं।रील लाइफ धोनी शिवाय में अजय-एरिका की नजदीकी देख काजोल ने उठाया ये कदम विकेट कीपिंग क्रिकेट के कठिन सुरों में से एक है। हर प्लेयर अच्छा विकेट कीपर नहीं बन सकता। धोनी विकेट कीपर हैं तो जाहिर सी बात है कि सुशांत सिंह राजपूत को भी काफी मेहनत की है। धीरे-धीरे शॉट्स पर काम किये। बच्चे आकर टेनिस बोल आकर डालते थे। सुशांत कुछ भी करने को तैयार थे। वे घर पर जाकर विडियो शूट्स देखते थे। ताकि वे चेंजेज कर सकें। सुशांत ने क्रिकेट का ग्रामर सीखा, जो कि आम क्रिकेट शॉट्स से बिलकुल अलग था। सुशांत ने इसके लिए 700 से भी ज्यादा हूक और हजार से भी ज्यादा हेलिकोप्टर शॉट्स लगाए। सुशांत भी धोनी की तरह ही फिटनेस का ध्यान तो रखते हैं. लेकिन सेट पे वे भी अपनी स्टारडम भूल कर कभी-कभी मूड में आते थे तो समोसों का काफी आनंद लेने लगते थे।