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बर्थडे स्पेशल: लता मंगेशकर के सुरों से चल पड़ती है रुकी-सी जिंदगी!

पीढ़ी कोई भी रही हो, पर उनकी आवाज़ ने हर किसी को अपना दीवाना बनाया है। इंडियन सिनेमा में लता दीदी का कोई विकल्प नहीं है।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Wed, 28 Sep 2016 07:22 AM (IST)
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मुंबई। भारतीय सिनेमा की कोई भी कहानी लता मंगेशकर के नाम के बिना पूरी नहीं होगी। सिनेमा के 100 साल के इतिहास में बेहद खुशनसीब हैं वो साल, जो लता दीदी के सुरों के साथ इतिहास का हिस्सा बने हैं। सुरों की इस नायिका और गायिका ने 28 नवंबर को उम्र का 87वां पड़ाव छू लिया है।

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पीढ़ी कोई भी रही हो, पर उनकी आवाज़ ने हर किसी को अपना दीवाना बनाया है। टेलीविजन के स्टार्स भी लता को उनके 87वें जन्म दिन पर उनके गाये कुछ खास गानों को याद करके शुभकामनाएं दे रहे हैं।

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रश्मि देसाई: मुझे लता जी का गाना 'सागर किनारे दिल ये पुकारे' बेहद पसंद है और मुझे लगता है कि डिंपल कपाड़िया इससे खूबसूरत कभी भी नहीं लगी होंगी। मैं उन्हें देखकर बहुत इंस्पायर होती रही हूं।

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दिव्यांका त्रिपाठी: मैं कहीं भी जाऊं मेरे साथ लता जी का गाना 'लग जा गले' जरूर साथ होता है। यह गाना मुझे कहीं सुकून की दुनिया में लेकर चला जाता है। जब मैं मेरे पति के साथ लांग ड्राइव पर जाती हूं तो मैं यह गीत खूब सुनती हूं। मुझे इससे पूरी शांति मिलती है।

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शिविन नारंग: लता जी का गीत 'वंदे मातरम्' सुनना हमेशा मेरे लिए खास होता है। उनकी आवाज़ से मुझे मोटिवेशन मिलता है और जब भी यह गीत सुनता हूं महसूस करता हूं कि हां मैं एक ऐसे देश का वासी हूं, जिस देश में लता जी जैसी स्वर कोकिला हैं।

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शशांक व्यास: फिल्म 'रंग दे बसंती' का गीत 'लुक्का चुप्पी' मैं जब भी सुनता हूं, बिना रोये मैं कभी रह नहीं पाता हूं। ये गीत मुझे बेहद पसंद है। इसमें लता जी की आवाज और कशिश दीवाना कर देती है।