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जानिए इस एक्ट्रेस को मुंबई में क्यों नहीं मिल पा रहा घर, बयां किया दर्द

पिछले हफ्ते लॉरेन गॉट्टलिब को एक बार फिर अपना आशियाना छोड़ना पड़ा। यह 15 वां मकान था, जो उन्होंने छोड़ा।

By Suchi SinhaEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2016 05:19 PM (IST)
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मुंबई। डांसर से एक्टर बनीं लॉरेन गॉट्टलिब को इन दिनों मुंबई में आसरा नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि अभी भी उन्हें घर की तलाश है। पिछले हफ्ते लॉरेन को एक बार फिर अपना आशियाना छोड़ना पड़ा। यह 15 वां मकान था, जो उन्होंने छोड़ा। कारण था कि सोसायटी में मकान मालिक नहीं चाहते थे कि लॉरेन वहां रहें। यह सिलसिला बीते तीन साल से चल रहा है। खबर है कि लॉरेन अब मुंबई के अंधेरी इलाके में फ्लैट तलाश रही हैं।

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साल 2013 में घर तलाशने के वक्त को याद करते हुए लॉरेन ने कहा, 'तीन साल पहले एक डांस रियलिटी शो में बतौर कंटेस्टेंट शामिल होने के लिए यहां आई थी। उस दौरान मेरे पास कोई ठिकाना नहीं था। ऐसे में पहले छह महीने तो अपने दोस्त के घर पर ही बिताए। इसके बाद मैं लोखंडवाला स्थित अपने दोस्त के फ्लैट पर गईं। फिर अंधेरी के कुछ इलाकों में रही। एक बड़े शो की टॉप कंटेस्टेंट थी, मगर इस देश में मुझे मकान ही नहीं मिल रहा था। अंधेरी, जुहू, बांद्रा जैसे इलाकों में मैंने घर ढूंढा, मगर मुझे फ्लैट नहीं दिया गया क्योंकि मैं विदेशी थी, जवान थी और सिंगल थी।'

लॉरेन ने बताया, 'इसके बाद मैंने 'एबीसीडी' और इसके सीक्वल में काम किया। यूनिट के सदस्यों की मदद ली, मकान मिला। मेरे मकान मालिक और ब्रोकर में दोस्ती हो गई। मैं भी कम्यूनिटी की गतिविधियों में शामिल होने लगी। मकान मालिक को यह बात पसंद भी आई। मकान मालिक ने फ्लैट का कलर बदला, वाटर हीटर बदला। तब जाकर यह बात स्पष्ट हो पाई कि ऐसा नहीं है कि विदेशी को फ्लैट नहीं दे सकते।' हालांकि अब लॉरेन और भी बड़ा फ्लैट चाहती हैं, मगर अब तक वो 15 मकान मालिकों से मिल चुकी हैं और नतीजा जस का तस है।

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लॉरेन ने बताया, 'यहां बहुत शोर होता है। ट्रैफिक का दबाव अलग है। मैं यहां से निकलना चाहती हूं। बांद्रा और खार में 12-15 जगह देख चुकी हूं, मगर कोई तैयार नहीं। मकान मालिक सोचते हैं कि मैं एक एक्ट्रेस हूं। देर रात तक पार्टी करूंगी। सभी लोगों को परेशान करूंगी, मगर ऐसा कुछ नहीं है। मैं पार्टी देती ही नहीं हूं। मैं एक विदेशी हूं। सिंगल हूं। यह भी एक दिक्कत है। हालांकि यह हैरान करने वाली बात है। मुंबई एक ग्लोबल मेट्रो है। कोई छोटा शहर तो नहीं है, मगर इस मानसिकता के कारण मकान मालिक मुझे फ्लैट नहीं देते हैं। इसे बदलने की जरूरत है।'

बांद्रा के ब्रोकर सिद्धार्थ गुप्ता का कहना है, 'यदि वो शादीशुदा होतीं तो उनके लिए अपार्टमेंट खोजना आसान होता। सोसायटी परिवारों को ज्यादा तवज्जो देती हैं। सिंगल विदेशी होना कई बार बड़ी समस्या हो जाता है। यह दिक्कत सिर्फ अंधेरी और बांद्रा में नहीं बल्कि हर जगह है। मकान मालिक से ज्यादा तो सोसायटी में ऑब्जेक्शन होता है।'