अभी तक सिर्फ ये 5 भारतीय ही जीत सके हैं ऑस्कर अवार्ड, देखें तस्वीरें
गुलजार को 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए ही सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर मिला। हालांकि, गुलज़ार साहब खुद वहां अवार्ड लेने मौजूद नहीं थे।
By Hirendra JEdited By: Updated: Mon, 05 Mar 2018 10:43 AM (IST)
मुंबई। हॉलीवुड के डॉल्बी थिएटर में ऑस्कर अवार्ड समारोह हो चुका है। 90वें एकेडमी अवॉर्ड्स समारोह में 13 केटेगरी में नॉमिनेट हुई फ़िल्म बेस्ट फ़िल्म समेत 'द शेप ऑफ वॉटर' ने 4 अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। बता दें कि अकादमी अवार्ड्स में बेस्ट एक्टर का ख़िताब फ़िल्म 'डार्केस्ट आर' के लिए गैरी ओल्डमैन ने जीता है जबकि बेस्ट एक्ट्रेस का ख़िताब फ़िल्म 'थ्री बिलबोर्डस' के लिए फ्रांसेस मैकडोरमेंड ने अपने नाम किया।
सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर का ख़िताब गीलर्मो डेलटोरो को फ़िल्म 'द शेप ऑफ वॉटर' के लिए मिला है। जबकि 'द शेप ऑफ वॉटर' फ़िल्म को बेस्ट फ़िल्म का अवार्ड भी दिया गया! आज दुनिया भर में ऑस्कर अवार्ड की धूम है। इस ख़बर के बीच आज हम आपको अपने देश के ऐसे 5 विजेताओं के नाम बता देते हैं, जिन्होंने ऑस्कर जीता है। इस लिस्ट में पहला नाम है- भानु अथैया का, जिन्होंने 1983 में जॉन मोलो के साथ 'गांधी' फ़िल्म के लिए बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन का ऑस्कर जीता था।यह भी पढ़ें: Oscar 2018 LIVE: श्रीदेवी और शशि कपूर को भी किया गया याद, जानिये पूरी विनर लिस्ट
सत्यजीत रे को 1991 में होनरेरी अकादमी अवार्ड मिला था। सत्यजीत रे का अपने देश में ही नहीं बल्कि विश्व सिनेमा पर भी एक गहरा असर रहा है। उन्हें सिनेमा में मानद 'लाइफटाइम अचीवमेंट' ऑस्कर मिला था। रे उनदिनों बीमार थे, उनके लिए ऑस्कार अवार्ड खुल चल कर कोलकाता आया था।
जबकि, रेसुल पोक्कुट्टी को साल 2008 में फ़िल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए बेस्ट साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर अवार्ड मिल चुका है।इसी फ़िल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए ए.आर. रहमान को साल 2008 में ही 'जय हो' के लिए दो ऑस्कर, सर्वश्रेष्ठ संगीत और सर्वश्रेष्ठ गीत (संयुक्त रूप से) मिल चुका है। यह भी पढ़ें: पत्नी को साथ लेकर बोनी कपूर और श्रीदेवी की बेटियों से मिलने पहुंचे आमिर ख़ान, देखें तस्वीरें
गुलजार को 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए ही सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर मिला। हालांकि, गुलज़ार साहब खुद वहां अवार्ड लेने मौजूद नहीं थे।
गुलजार को 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए ही सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर मिला। हालांकि, गुलज़ार साहब खुद वहां अवार्ड लेने मौजूद नहीं थे।