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..जब 'चोली के पीछे क्या है' का हुआ था जबरदस्त विरोध

मुंबई। आधुनिक फिल्मों के गानों में आजकल जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है। लोगों को उसपर खूब आपत्ति हो रही है,लेकिन अदाकारा माधुरी दीक्षित ने साफ कहा कि अगर 'मुन्नी बदनाम हुई, शीला की जवानी' जैसे गानों को तरीके से पेश किया जाए तो लोगों को इसमें कोई ऐतराज नहीं होगा।

By Edited By: Updated: Thu, 02 Jan 2014 10:08 AM (IST)
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मुंबई। आधुनिक फिल्मों के गानों में आजकल जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है। लोगों को उसपर खूब आपत्ति हो रही है, लेकिन अदाकारा माधुरी दीक्षित ने साफ कहा कि अगर 'मुन्नी बदनाम हुई, शीला की जवानी' जैसे गानों को तरीके से पेश किया जाए तो लोगों को इसमें कोई ऐतराज नहीं होगा।

पढ़ें : फेसबुक पर रिलीज होगा माधुरी की डेढ़ इश्किया का ट्रेलर

अपनी फिल्म 'डेढ़ इश्किया' के प्रमोशन के दौरान माधुरी ने कहा कि उनके गाने 'चोली के पीछे क्या है' का भी जबरदस्त विरोध किया गया था, लेकिन बाद में जब लोगों ने इसकी प्रस्तुति देखी तो सब शांत हो गए और इस गाने के ऊपर जोर जोर से तालियां बजाकर गुनगुनाने लगे। उन्होंने कहा कि अगर गानों में शालीनता हो तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी। शब्द भले ही कैसे हो लेकिन उन्हें दिखाने का अंदाज सही होना चाहिए।

ं 'मुन्नी बदनाम हुई, फेविकोल, पार्टी यूं ही चालेगी', ये वो कुछ गीत हैं, जिनको लेकर काफी समय से विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं। इन पर आरोप है कि ये गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। माधुरी ने कहा कि हां ये सच है कि इन दिनों अच्छे गाने बहुत कम लिखे जा रहे हैं।

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