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महाराष्‍ट्र में मराठी फिल्‍म दिखाने के फरमान पर छिड़ा विवाद

महाराष्‍ट्र सरकार मुंबई के सभी मल्‍टीप्‍लेक्‍स में शाम छह से नौ बजे के शो टाइम पर एक मराठी फिल्‍म दिखाने का फरमान सुनाकर विवादों में घिर गई है। फिल्‍मकारों और कलाकारों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। ब्रॉडकास्‍ट एडिटर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एनके सिंह ने तो इस

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Wed, 08 Apr 2015 12:00 PM (IST)
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नई दिल्ली। देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार मुंबई के सभी मल्टीप्लेक्स में शाम छह से नौ बजे के शो टाइम पर एक मराठी फिल्म दिखाने का फरमान सुनाकर विवादों में घिर गई है। फिल्मकारों और कलाकारों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एनके सिंह ने तो इस फैसले को गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ करार दिया है।

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मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल में हुई बहस के दौरान राज्य के सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावड़े ने सरकार के इस फैसले की सूचना दी। उन्होंने कहा कि मराठी फिल्मों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सभी मल्टीप्लेक्स को प्राइम टाइम में एक मराठी फिल्म दिखाने का निर्देश जारी किया है। तावड़े ने यह भी कहा कि फैसले को अमल में लाने के लिए जरूरी सरकारी आदेश जल्द ही जारी होंगे।

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महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर जानी-मानी लेखिका शोभा डे ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को मल्टीप्लेक्स के लिए फरमान जारी करने से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। क्या सरकार उन्हें सब्सिडी देने के लिए तैयार है?

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महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर बॉलीवुड ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। रितेश देशमुख ने कहा है कि मुंबई में लोगों की पहली पसंद हिंदी फिल्में हैं। जबकि मराठी फिल्म के लिए यह मुश्किल हो जाता है। वहीं, फिल्म निर्माता मुकेश भट्ट ने कहा है कि इस तरह के निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाने चाहिए। हम एक लोकतांत्रिक समाज में रह रहे हैं। सरकार कैसे तानाशाहों के रूप में व्यवहार कर सकती है।