Move to Jagran APP

ये हैं बॉलीवुड के असली डायलॉगबाज़, जिनकी वजह से फ़िल्मों में आता है 'एंटरटेनमेंट'

किसी भी फ़िल्म या किरदार की यूनीकनेस उसके संवादों से ही तो है, जिसके पीछे होते हैं संवाद लेखक या कहें असली डायलॉगबाज़।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Sat, 02 Sep 2017 07:45 PM (IST)
Hero Image
ये हैं बॉलीवुड के असली डायलॉगबाज़, जिनकी वजह से फ़िल्मों में आता है 'एंटरटेनमेंट'
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। मेरे पास मां है..., रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं... नाम है शहंशाह, ये लाइन्स सुनने के बाद हमें आपको बताने की ज़रूरत नहीं कि इन्हें बोलने वाला किरदार कौन है। ये तीनों संवाद तीन फिल्मों के हैं, लेकिन कलाकार एक ही है। इसके बावजूद इस कलाकार के तीनों अलग अवतार हमारी आंखों के सामने बड़ी आसानी से तैर जाते हैं। उन्हें याद करने के लिए दिमाग पर ज़ोर नहीं डालना पड़ता। दरअसल, यही डायलॉगबाज़ी की ताक़त होती है।

किसी भी फ़िल्म या किरदार की यूनीकनेस उसके संवादों से ही तो है, जिसके पीछे होते हैं संवाद लेखक या कहें असली डायलॉगबाज़। 

रजत अरोरा

यह भी पढ़ें: वीरे दी वेडिंग में करीना कपूर के ससुर बनेंगे ये एक्टर

रजत अरोरा की ये यूएसपी है कि उनके संवाद दर्शकों को मुंह जुबानी याद रह जाते हैं। 'डर्टी पिक्चर' में विद्या बालन द्वारा बोला गया हिट डायलॉग फ़िल्में सिर्फ़ तीन चीज़ों से चलती है... entertainment, entertainment, entertainment  ख़ूब हिट रहा। फिर 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई' का संवाददुआओं में याद रखना  तो दर्शकों की ज़ुबान पर इस तरह चढ़ा कि वोह इसे आम बातचीत में भी इस्तेमाल करने लगे हैं। रजत की फ़िल्म 'बादशाहो' रिलीज़ हो चुकी है। इस फ़िल्म के संवाद भी दर्शकों को ख़ूब पसंद आ रहे हैं, जिनमें समय समय पर सबकी लेता है...सही समय पर सही जगह पर... समेत कई संवाद शामिल हैं। 

रितेश शाह

यह भी पढ़ें: नहीं पता था कटरीना को, कौन है बाहुबली, अब हो रहा है पछतावा

नो मीन्स नो होता है... फ़िल्म 'पिंक' का ये संवाद 5 शब्दों में पूरा हो जाता है, लेकिन दर्शकों पर इस संवाद ने लंबे समय तक असर किया। इस फ़िल्म के कई संवादों के लिए रितेश की ख़ूब वाह-वाही हुई। रितेश ने अब तक कई फ़िल्मों के लिए संवाद लेखन किया है, जिनमें 'कहानी', 'कहानी 2', 'मदारी' जैसी फिल्में प्रमुख हैं। उनकी आने वाली फिल्में हैं 'रेड' और 'शेफ़'। 

हिमांशु शर्मा

यह भी पढ़ें: अगर आप पूछोगे तो मैं हमेशा जवाब दूंगी, रितिक एपिसोड पर कंगना नहीं रहेंगी चुप

बात जब भी आनंद एल राय की फ़िल्मों की होती है, तो हिमांशु शर्मा के बिना बात पूरी नहीं होती। ख़ुद आनंद स्वीकारते हैं कि हिमांशु के बिना वह अपनी फ़िल्मों की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं। हमें अदरक पे इत्ता प्यार कभी नहीं आएगा, जितना उस वक़्त आने लगा जब 'तनु वेड्स मनु' में मनु जी के किरदार से उसकी तुलना हुई। रीबूक और रीबॉक से असली-नकली का फ़र्क बताने का इतना आसान आइडिया भला किसके पास था। मोहल्ले के उन लड़कों का प्यार भला हिमांशु से बढ़कर किसने इनती बारीकी से समझा होगा, जिस प्यार को अक्सर इंजीनियर और डॉक्टर उड़ा ले जाते हैं। 'रांझणा', 'तनु वेड्स मनु' और 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' की कामयाबी में फ़िल्म के संवादों की अहम भूमिका रही। इन दिनों हिमांशु शाह रुख़ ख़ान की ड्वार्फ फिल्म की मेकिंग में व्यस्त हैं।

जूही चतुर्वेदी

यह भी पढ़ें: शुभ मंगल सावधान ने पहले दिन जमा किये इतने करोड़

कांस्टिपेशन का नाम सुनते ही आप नाक-भौंह सिकोड़ने लगते हैं, मगर इस तकलीफ़ देने वाले शब्द के इर्द-गिर्द जूही ने बाप-बेटी के प्यारे से रिश्ते की कहानी बुन दी। 'पीकू' में अमिताभ और दीपिका पादुकोण की बांडिंग जूही ने संवादों के ज़रिए पेश की। शुजित सरकार के साथ लंबे समय से जुड़ी रहीं जूही ने 'विक्की डोनर' जैसी फ़िल्म की कहानी, पटकथा और डायलॉग्स को लिखा। 

नितेश तिवारी

यह भी पढ़ें: चीन में भी रिलीज़ होगी आमिर ख़ान की ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान

नितेश तिवारी की फिल्म 'दंगल' ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले, लेकिन हकीकत यही है कि अपनी पहली फ़िल्म में ही उन्होंने अपनी लेखनी से प्रभावित किया था। फ़िल्म 'चिल्लर पार्टी' में बच्चों द्वारा बोले संवाद हिट हुए थे। फिर 'भूतनाथ रिटर्न्स' के कई संवाद पसंद किये गये। हाल ही में रिलीज़ हुई 'बरेली की बर्फ़ी' में नितेश ने श्रेयस के साथ मिलकर संवाद लिखे। बता दें कि नितेश 'कौन बनेगा करोड़पति' के प्रमोशनल विज्ञापनों के लिए कई सालों से लेखन करते आ रहे हैं।