मोदी को मेरी जरूरत नहीं: सलमान
बॉलीवुड के दबंग यानी सलमान खान जहां भी जा रहे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का गुणगान करने से कतई नहीं झिझक रहे। बॉलीवुड में अपने बिंदास स्वभाव के मशहूर सलमान ने अपनी फिल्म 'जय हो' के साथ-साथ नरेंद्र मोदी की भी जय हो का नारा बुलंद कर रखा है।
By Edited By: Updated: Wed, 22 Jan 2014 11:41 AM (IST)
नई दिल्ली। बॉलीवुड के दबंग यानी सलमान खान जहां भी जा रहे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का गुणगान करने से कतई नहीं झिझक रहे। बॉलीवुड में अपने बिंदास स्वभाव के मशहूर सलमान ने अपनी फिल्म 'जय हो' के साथ-साथ नरेंद्र मोदी की भी जय हो का नारा बुलंद कर रखा है।
एक के बाद एक लगातार तीन बार मीडिया द्वारा मोदी के बारे में पूछे गए सवालों का उन्होंने बिंदास यानी खुलकर जवाब दिया। एक टीवी चैनल के साक्षात्कार में पूछे गए सवाल पर बॉलीवुड के इस 'बॉडीगार्ड' ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 'नरेंद्र मोदी जी को जीतने के लिए सलमान खान की जरूरत नहीं है'। मैं पिछले दिनों गुजरात गया था मैंने वहां उनका प्रभाव देखा है। उन्होंने जो सम्मान मुझे और मेरे साथ गई महिलाओं को दिया, वह काबिले तारीफ था। वहां हर कोई उन्हें दिल से मानता है। नेताओं का गुणगान क्यों रहे हैं सलमान,असली वजह जानने के लिए यहां क्लिक करें राहुल गांधी के बाबत पूछे गए सवाल पर सलमान ने किसी मंझे हुए राजनीतिक की तरह जवाब दिया। वह बोले, 'राहुल गांधी मुझे पसंद हैं अगर वह मुझे चुनाव प्रचार केलिए बुलाएंगे तो मैं जरूर आऊंगा। यहां तक की अगर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव भी मुझे बुलाएंगे तो उनके लिए भी मैं प्रचार करने जाऊंगा।' मैं व्यक्तिगत रूप से जो महसूस करता हूं, वह यह कि मोदी जी एक बहुत सुसंस्कृत और सभ्य इंसान है। बॉलीवुड के सुपर स्टार यहीं नहीं रुके। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जब अमिताभच्बच्चन, अजय देवगन और उद्योगपति रतन टाटा मोदी की प्रशंसा कर चुके और उस पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की तो मेरे द्वारा मोदी की प्रशंसा करने पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है।
सलमान इसके पहले भी एक निजी चैनल के कार्यक्त्रम में नरेंद्र मोदी की तह दिल से प्रशंसा कर चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि '2002 के गुजरात दंगों पर नरेंद्र मोदी को माफी नहीं मांगनी चाहिए। वह इसलिए कि जब हमारे देश की सवचर््च्च अदालत उन्हें माफ कर चुकी है तो उन्हें किस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए'। ऐसा करने के लिए यदि मोदी को बाध्य किया जाता तो इसका मतलब यह है कि हम सवचर््च्च अदालत के फैसले पर अंगुली उठा रहे है'। यानी उन न्यायाधीशों ने जो फैसला दिया था वह बिल्कुल गत था।
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