थका देने वाले इस काम से नर्गिस फ़ाख़री ने कर ली है तौबा
नर्गिस ने 2011 में इम्तियाज़ अली की फ़िल्म 'रॉकस्टार' से बतौर हीरोइन डेब्यू किया था, जिसमें रणबीर कपूर उनके हीरो थे। इस ड्रीम डेब्यू के बाद नर्गिस की रफ़्तार धीमी हो गई।
By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Wed, 12 Apr 2017 01:17 PM (IST)
मुंबई। बॉलीवुड में अगर किसी एक्टर की एक साल में कई फ़िल्में रिलीज़ हो जाएं, तो उसे ख़ुशी होगी कि काम मिल रहा है। मगर, नर्गिस फ़ाख़री बैक-टू-बैक फ़िल्में करके ख़ुश नहीं हैं, इसलिए उन्होंने अब एक ऐसा फ़ैसला कर लिया है, जिससे वो भागमभाग से बच सकें।
2016 में नर्गिस तीन फ़िल्मों में लीड रोल्स में नज़र आईं। इनमें इमरान हाशमी के साथ 'अज़हर', अभिषेक बच्चन के अपोज़िट 'हाउसफुल 3' और रितेश देशमुख के साथ 'बैंजो' शामिल है। इनके अलावा 'ढिशूम' में उन्होंने केमियो किया था। ये पहली बार था कि नर्गिस को एक ही साल में इतनी फ़िल्मों में मौक़ा मिला हो, मगर वो इसे थका देने वाला काम मानती हैं। अपनी एप की लांचिंग इवेंट में नर्गिस ने कहा- ''पिछले साल मैंने चार फ़िल्में की, जो थका देने वाला था। मैं ऐसा कभी नहीं करूंगी। अब मैं धीरे चलूंगी। साल में एक बार फ़िल्म अच्छा रहेगा।''ये भी पढ़ें: आरती छाबड़िया की डायरेक्टोरियल डेब्यू फ़िल्म बदल देगी ज़िंदगी जीने का नज़रिया
नर्गिस ने 2011 में इम्तियाज़ अली की फ़िल्म 'रॉकस्टार' से बतौर हीरोइन डेब्यू किया था, जिसमें रणबीर कपूर उनके हीरो थे। इस ड्रीम डेब्यू के बाद नर्गिस की रफ़्तार धीमी हो गई। उनकी दूसरी फ़िल्म 'मद्रास कैफ़े' 2013 में आई। 2014 में नर्गिस वरूण धवन के अपोज़िट 'मैं तेरा हीरो' में दिखाई दीं। अब लगता है कि नर्गिस वापस यही ट्रैक अपनाना चाहती हैं। वैसे नर्गिस के पास करने के लिए एक्टिंग के अलावा और भी बहुत कुछ है। इसीलिए रफ़्तार धीमी करना चाहती हैं।ये भी पढ़ें: विवाद सुलझा, रवीना टंडन की मातृ तय तारीख़ पर होगी रिलीज़
नर्गिस कहती हैं- ''मैं अलग हूं। मुझे कुकिंग, पेड़-पौधे और घूमना पसंद है। मैं ज़िंदगी जीना चाहती हूं। मैं सिनेमा के अलावा दूसरी चीजे़ं भी एक्सप्लोर करना चाहती हूं। मैं टेलीविज़न पर पब्लिक पर्सनेलिटी बनना चाहती हूं या कुछ अलग करना चाहती हूं।''