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देश में असहिष्‍णुता के मुद्दे पर मनीषा कोइराला भी बोलीं

देश में असहिष्‍णुता के मुद्दे पर बहस जारी है। इस बारे में मनीषा कोइराला ने गुरुवार को अपनी राय भी रखी। एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्‍होंने कहा, 'यह कहना सही नहीं है कि कि पूरा भारत असहिष्‍णु है। कुछ निश्‍िचत सेक्‍शन हो सकते हैं। मैं अपनी संस्‍कृति और परंपरा

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Thu, 12 Nov 2015 03:39 PM (IST)
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नई दिल्ली। देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर बहस जारी है। इस बारे में मनीषा कोइराला ने गुरुवार को अपनी राय भी रखी। एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, 'यह कहना सही नहीं है कि कि पूरा भारत असहिष्णु है। कुछ निश्िचत सेक्शन हो सकते हैं। मैं अपनी संस्कृति और परंपरा में विश्वास करती हूं। इसमें एक खूबसूरती है। मैं अभिव्यक्ति की आजादी में भी विश्वास करती हूं।'

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दरअसल, मनीषा हाल ही में शाहरुख खान के उस विवादित पर बयान पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कही थी। मनीषा फिर से मलयालम फिल्मों में वापसी कर रही हैं। इस सिलसिले में ही बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'हर किसी को अपनी तरह से जिंदगी जीने का अधिकार है। मैं आपको अपने विचारों के हिसाब से जिंदगी जीने पर मजबूर नहीं कर सकती हूं।'

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हालांकि मनीषा फिल्मी हस्तियों द्वारा लौटाए जा रहे पुरस्कारों से जुड़े सवाल पर यह कहकर बच निकलीं कि वो पिछले कुछ समय से देश से दूर थीं। वहीं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से सफलतापूर्वक जूझने वालीं मनीषा ने कहा कि यह एक मौत की सजा नहीं है। इसके बाद एक जिंदगी है। मगर यहां तक कि फिल्में भी इसको लेकर गलत प्रभाव डाल रही हैं। हम सिनेमा के जरिए इसके बारे में उचित चिकित्सीय जानकारी दे सकते हैं।